इस संबंध में महिलाओं ने पत्रिका से चर्चा में बताया कि समाज कल्याण विभाग में जब आर प्रसन्ना सचिव थे तो साल 2018 में भी पंकज वर्मा पर 6 अलग -अलग आरोप लगे थे और इन आरोपों की जांच में भी पुष्टि हुई थी उसके बाद सचिव ने पंकज वर्मा को एसआरसी, निराश्रित निधि और किसी भी आयोजन में क्रय विक्रय या भुगतान नहीं करने से मना कर दिया था।
फर्जी प्रमाण पत्र पर मिली है नौकरी
महिला अधिकारियों ने पंकज वर्मा पर फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी हासिल करने का आरोप भी लगाया है। पंकज वर्मा कि नियुक्ति ऑक्युपेशनल थेरेपिस्ट के पद पर हुई है और पंकज वर्मा ने फिजियोथेरेपी का डिप्लोमा किया है वो भी पूरा नहीं किया है। इस आरोप को प्रमाणित करने के लिए कुछ दस्तावेज भी संलग्न किए गए हैं।
महिलाओं ने यह भी कहा कि पंकज वर्मा का लगातार पदोन्नित मिली और हम 18 सालों से यहां कार्य कर रहे है हमें पदोन्नित नहीं मिली है। शिकायत किए गए आवेदन में कुछ एक महिलाओं की पदोन्नित नहीं हुई है। इस बात की भी शिकायत हुई है कि समाज कल्याण विभाग की माना स्थित संस्था बहु विकलांग गृह, अस्थि बाधितार्थ बालग्रह, वृद्धाश्रम और मानसिक विकालंाग गृह में कार्यरत बेसहारा विधवा महिलाओं से गलत काम करवाया जा रहा है।
23 जनवरी को महिला आयोग में सुनवाई रखी गई थी जिसमें पंकज वर्मा को बुलाया गया था, महिला अधिकारियों को भी सुनवाई के लिए पत्र कार्यालय पहुंचा था लेकिन सारी महिला अधिकारियों का ट्रांसफर हो चुका है इस कारण उन तक सूचना पहुंच ही नहीं पाई। अब अगली सुनवाई में इन शिकायतों पर चर्चा होगी।