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रायपुर

होली पर ‘कोरोनाÓ असर, चीन नहीं अब भारत में बने उत्पादों की मांग

बाजार में नहीं दिख रही होली जैसी रौनक…
– प्रदेश में रंग-गुलाल, पिचकारी मुखौटों का 20 करोड़ का कारोबार
– 15 से 20 जनवरी के बीच पहुंची चीनी सामान की आखिरी खैप- जिन व्यापारियों के सामानों की डिलीवरी चीन से हो गई वे खुश, जिनकी रूकी वे दुखी।इइन परिस्थितियों में स्वदेशी बाजार पर बढ़ा कारोबारियों का भरोसा।

रायपुरFeb 23, 2020 / 12:34 pm

Prashant Gupta

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होली पर ‘कोरोनाÓ असर, चीन नहीं अब भारत में बने उत्पादों की मांग,होली पर ‘कोरोनाÓ असर, चीन नहीं अब भारत में बने उत्पादों की मांग

रायपुर.होली के बाजार पर कोरोना वायरस का असर दिख रहा है। चीनी पिचकारी, मुखौटे व बाल से लेकर होली में उपयोग आने वाली सामग्री से पिछले साल तक बाजार पटा रहता था। मगर, इस साल चीनी कम स्वदेशी सामग्री का बोल-बाला है। प्रदेश में होली में पिचकारी, रंग-गुलाल और मुखौटों का ही 20 करोड़ रुपए का बाजार रहता है। जिसमें से चीनी सामग्री का प्रतिशत 70 से 75 तक रहता है, जो इस साल 30 से 40 प्रतिशत तक ही है। यह वह सामग्री है जो दिसंबर में आयात हो चुकी थी। जनवरी-फरवरी में आने वाले सामान की खेप आई ही नहीं।
होली को 20 दिन भी नहीं बचे हैं। पिछले साल तक तो महीनेभर पहले बंजारी रोड और गोलबाजार में भारी-भीड़ होती थी। मगर इस बार रौनक तो कम ही है। यह हाल प्रदेश के सबसे बड़े बाजार हैं। थोक दुकानदारों का कहना है कि इस साल भारत में बनी सामग्री की मांग बढ़ी है। हालांकि सच्चाई यह भी है कि जो कारोबारी चीन से पूर्व में ही होली के पिचकारी और मुखौटे ले आए थे, वे पांच-सात गुना तक दाम बढ़ाकर बेच रहे हैं। तो वे भी जिनके पास पुराना स्टॉक था।

क्या कहते हैं दुकानदार-

महंगी है हर सामग्री- बंजारी रोड के थोक कारोबारी पवन गोयल ने चीन से ही होली की सामग्री खरीदी है। वे कहते हैं कि दिसंबर में माल आया था। उसके बाद तो चीन के हालात सभी जानते हैं। कोई सामान आयात नहीं हो पा रहा है। जिनके सामानों की डिलीवरी पहले हो गई, वे फायदें में हैं। पवन कहते हैं कि इस साल होली की सभी सामग्री महंगी हैं।

हम चीन पर निर्भर नहीं- गोलबाजार में रंग, पिचकारी और अन्य सामग्री के थोक विक्रेता अजीज भाई कहते हैं कि हम जब अपने ही देश में ही सभी प्रकार की आइटम बन रहे हैं तो हम चीन क्यों जाएं? यहां का सामान अपेक्षाकृत चीन के सस्ता है और अच्छा है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता से ही खरीदी की जा रही है।

खिलौना बाजार भारी असर- चीन को प्लास्टिक और इलेक्ट्रानिक खिलौना बनाने के लिए जाना जाता है। चीन के लिए भारत बड़ा बाजार है। मगर कोरोना वायरस के चलते यह बाजार भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। बीते डेढ़ माह से खिलौने नहीं आ रहे हैं। इनमें छोटी-बड़ी कार, रोबोटिक डिवाइज, चाइनीज कैंडल, बर्थडे आइटम प्रमुख रूप से शामिल हैं। इनका भी करोड़ों का कारोबार है।

चीन से सामान न आने पर हर एक सामग्री के दाम बढ़ गए हैं। आप किसी व्यापारी को दरों को लेकर बाध्य नहीं कर सकते। आप सोचिए कि हर हफ्ते अकेले बंजारी रोड में 1.50 करोड़ की चीनी सामग्री की बिकवाली होती है, जो आधी से भी कम रह गई है। यही स्थिति रही तो दाम बढ़ते ही जाएंगे।

लालचंद गुलवानी, अध्यक्ष, बंजारी रोड व्यापारी संघ एवं महामंत्री चेंबरअलग

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