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70 कर्मचारी दैनिक वेतन भोगी
वर्तमान में जंगल सफारी में लगभग 123 अधिकारी-कर्मचारी काम कर रहे है। इनमें से लगभग 70 कर्मचारी दैनिक वेतन भोगी है। इन कर्मचारियों को कलेक्टर दर पर 500 रुपए रोजाना भुगतान दिया जाता है। संक्रमण फैलने से पूर्व पर्यटकों की आवाजाही से कर्मचारियों का भुगतान और सफारी मेंटेन का खर्च निकल आता था। संक्रमण फैलने के बाद लॉकडाउन और पर्यटकों की संख्या कम होने से अब सफारी प्रबंधन को हर माह वन विभाग के सामने हाथ फैलाना पड़ता है।
800 एकड़ में बना है जंगल सफारी
अटल नगर स्थित नंदनवन जंगल सफारी 800 एकड़ में बना है। विभागीय अधिकारियों द्वारा इसे एशिया का सबसे बड़ा जंगल सफारी बताया जाता है। जंगल सफारी परिसर में बंगाल टाइगर, शेर, भालू, चीतल, काला हिरण, नीलगाय, कोट्री, सांभर, मगरमच्छ और दरियाईघोड़ा को पर्यटकों को दिखता है। इन वन्य प्राणियों के अलावा औषधीय पौधों को संयोजित करके जंगल सफारी प्रबंधन ने रखा है।
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जंगल सफारी डिप्टी डायरेक्टर एम.मर्सीबेला ने कहा, कोरोना संक्रमण की वजह से पर्यटकों की संख्या का ग्राफ कम हुआ है। पर्यटक नहीं आने से सफारी की आवक कम हो रही है, जिसका सीधा असर सफारी के खजाने पर पड़ रहा है। दैनिक वेतनभोगियों का भुगतान अभी पिछले दिनों किया गया है। जो भुगतान शेष है, वो भी जल्द कर दिया जाएगा।