दूसरी बीमारियों से पीडि़तों की ज्यादा मौतें विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदेश में अब तक जितनी मौतें हुई हैं उसमें सिर्फ कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या काफी कम है। कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से जो पीडि़त थे, उनकी ज्यादा मौत हुई है। रायपुर में 3५ मौंते हुई है, जिसमें 26 लोग कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से ग्रसित थे। गत मंगलवार को 8 मौतें हुई थी, जिसमें 3 रायपुर, 3 बिलासपुर, 1 सरगुजा और 1 दुर्ग का मरीज था। गुढिय़ारी निवासी 50 वर्षीय महिला और 35 वर्षीय युवक गंभीर ब्रेथलेसनेस की दशा में रायपुर मेडिकल कॉलेज और एम्स में भर्ती हुए थे। महोबा बाजार का 69 वर्षीय बुजुर्ग डायबिटीज, उच्च रक्तचाप तथा किडनी रोग से पीडि़त था। बिलासपुर निवासी 75वर्षीय बुजुर्ग कार्डियक डिसीज, डायबिटीज रेस्परेटरी डिस्ट्रेस से पीडि़त था। बिलासपुर का ही 58 वर्षीय पुरुष दोनों फेफड़ों में न्यूमोनिया और रेस्परेटरी डिस्ट्रेस से पीडि़त था। सरगुजा का 75 वर्षीय व्यक्ति डायबिटीज व उच्च रक्तचाप से पीडि़त था। दुर्ग के 48 वर्षीय पुरुष को तीन दिन से ब्रेथलेसनेस होने की दशा में एम्स में भर्ती कराया गया था।
पूर्व पदस्थापना स्थल पर ही काम करेंगे डॉक्टर रायपुर जिले के अंतर्गत संचालित कोविड अस्पताल वर्किंग वुमन हॉस्टल फुंडहर, स्पोट्र्स हॉस्टल साइंस कॉलेज, आईएसबीटी भाटागांव, आयुष युनिवर्सिटी हॉस्टल उपरवारा नवा रायपुर, होटल मैनेजमेंट संस्थान उपरवारा नवा रायपुर और मनुवास रियल्टी रिंग अग्रोहा कॉलोनी में डॉक्टर, स्टॉफ नर्स और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की ड्यूटी तत्काल प्रभाव से लगाई गई थी, जिसको अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दिया गया है। जिनकी ड्यटी के लिए 31 जुलाई को आदेश जारी किया गया था, वह पूर्व पदास्थापना स्थल में ही काम करेंगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मीरा बघेल ने बताया कि जरूरत पडऩे पर डॉक्टर व स्टॉफ को निर्देशित किया जाएगा।
रायपुर सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल ने बताया कि जागरुकता के अभाव से ज्यादा मौतें हो रही है। कोरोना के लक्षण दिखने के बावजूद लोग जांच कराने से कतरा रहे हैं। संक्रमण बढने के बाद अस्पताल पहुंच रहे हैं। अन्य बीमारियों से जो लोग पीडि़त हैं, वे थोड़ा सा भी लक्षण दिखता है तो तुरंत जांच कराएं।