एम्स का स्टाफ जब तक पीपीई किट पहनकर आया उसकी हालत काफी बिगड़ चुकी थी। हालांकि एम्स प्रबंधन का कहना है, मरीज की मौत इलाज के दौरान रात 2 बजे हुई। मगर, इस पूरी घटना ने एम्स में भर्ती कोरोना मरीजों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर मनोरोगी मरीजों की। वैसे भी संक्रमित होने पर यह सामने आया कि व्यक्ति मानसिक रूप से तनाव में चला जाता है। उधर, एम्स प्रबंध ने इस घटना की जांच के लिए 5 सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है, तो वहीं रायपुर की आमानाका थाना पुलिस भी अपने स्तर पर मर्ग कायम कर जांच में जुट गई है।