उधर, अस्पताल में इलाज करा रहे किसी मरीज के कोरोना वायरस की पुष्टि होती है तो भारत सरकार, आईसीएमआर एवं राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरुप अस्पताल को डिसइंफेक्टेड कर 24 घंटे के बाद पुन: शुरू किया जा सकता है। गौरतलब है कि ‘पत्रिका’ ने प्रमुखता से यह मुद्दा उठाया था कि नॉन कोविड अस्पतालों में संक्रमण बढ़ रहा है। ५ अगस्त को ‘नॉन कोविड अस्पतालों में मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज, गंभीर स्थिति में किए जा रहे हैं रेफर, गवां रहे जान।’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। जिसमें बताया था कि इलाज न मिलने और इलाज में देरी की वजह से जानें जा रही हैं। स्वास्थ्य सचिव ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि समय पर जांच, पहचान और उपचार नहीं होने पर मृत्यु होने की संभावना भी अधिक होती है। प्रदेश में अभी तक कोविड-19 से संक्रमित कुल 69 व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है। इनमें से 51 व्यक्ति किसी अन्य बीमारी से ग्रसित रहे हैं।