जब सैंपल नहीं दिया, जांच नहीं हुई तो वो कैसे पॉजिटिव हो गई। पिता के हर तर्क के जवाब में पटवारी स्वास्थ्य विभाग की सूची दिखाते रहे। लाचार पिता 5 घंटे तक लचर व्यवस्था से जूझता रहा। डॉक्टर से लेकर अस्पताल और न जाने कितने लोगों को कितनी बार फोन लगाया। अंत में एक दिन पहले बच्ची के मामूली खांसी की मेडिकल पर्ची दिखाई। तब जाकर अफसरों ने माना गलती सिस्टम से हुई है।