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उन्होंने कहा कि संक्रमित मरीजों की संख्या, मौतों और एक्टिव मरीजों की संख्या में काफी अंतर है। राज्य सरकार आंकड़े छिपाकर गुमराह कर रही है। सरकार पिछली और मौज़ूदा दूसरी लहर को लेकर एक श्वेतपत्र जारी करे। सरकार ने कोरोना काल में पैरा-मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति को लेकर कोई पहल नहीं की। उपकरण, सुविधाएं और अन्य जरूरी इंतजाम पर कोई ध्यान दिया। कई इलाकों में वेंटिलेटर तक की सुविधा नहीं है।यह भी पढें: कोरोना का कहर जारी: रायपुर में 5 मई के बाद फिर बढ़ेगा लॉकडाउन!, जानिए लेटेस्ट अपडेट
उन्होंने कहा कि Covid Centers से मरीजों के भागने. मृत मिलने, आंबेडकर अस्पताल में जिंदा महिला को मृत बताकर अंतिम संस्कार के लिए ले जाने, परिजनों को कोरोना संक्रमितों की मृत्यु का समय पर सूचना न देने जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी जारी है। परिजन आज भी इस इंजेक्शन के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। सरकार कोरोना संक्रमण के नियंत्रण में अब तक फेल साबित हुई है।