रैपिड किट से कोरोना टेस्ट की मिली अनुमति तो 6 घंटे की रिपोर्ट 30 मिनट में आ जाएगी
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने लिखी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को चिट्ठी, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर ने रैपिड किट से रोका कोरोना का फैलाव
रैपिड किट से कोरोना टेस्ट की मिली अनुमति तो 30 मिनट में आ जाएगी रिपोर्ट
रायपुर. छत्तीसगढ़ समेत समूचे देश में कोरोना की जांच अभी आरएनए-पीसीआर पद्धति से हो रही है। इसकी जांच रिपोर्ट 6 घंटे में आती है और अगर व्यक्ति में वायरस का शुरुआती हमला हुआ है तो भी पकड़ नहीं आता। मगर, रैपिड टेस्ट में यह मुमकिन है। यही वजह है कि राज्य कोर कमेटी की बैठक में हुए निर्णय के बाद राज्य स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर रेपीड टेस्ट की अनुमति मांगी है।
स्वास्थ्य मंत्री ने पत्र में लिखा है कि अगर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) रैपिड टेस्ट की अनुमति दे और गाइड-लाइन दे तो राज्य इस टेस्ट को करने तैयार है। कम्युनिटी बेस्ड जांच पर आइसीएमआर इनकार कर रहा है। और आईसीएमआर कोरोना वायरस को कम्प्यूनिटी स्प्रेड यानी वायरस को थर्ड फेज नहीं मान रहा है। गौरतलब है कि दक्षिण कोरिया और सिंगापुर ने वायरस के फैलाव को रैपिड किट से ही रोका, क्योंकि जल्द जांच हुई और पॉजिटिव लोगों की पहचान हुई और उनका इलाज किया गया।
अभी छह घंटे लगते हैं जांच में
डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल के टीबी एंड चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. आरके पंडा का कहना है कि रेपीड किट व्यक्ति के शरीर में मौजूद संक्रमण का पता लगाने में सक्षम है। इसके लिए एंटीबॉडी ‘आइजीएमÓ पॉजिटिव आएगा। वहीं कोरोना से मुक्त हो चुके मरीज में वर्षों बाद भी पता चल सकेगा कि वह पहले इससे संक्रमित रह चुका है। अभी जब जांच में छह घंटे का वक्त लग रहा है, रेपीड किट से ३० मिनट में रिपोर्ट मिल जाएगी।
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