पत्रिका पड़ताल में सामने आया कि छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों की तुलना में देरी से कोरोना संक्रमण पहुंचा। जिसके कारण कोरोना का पीक (12 से 24 सितंबर 2020 के बीच) भी देरी से आया। अगस्त, सितंबर, अक्टूबर में बड़ी संख्या में मरीज मिले। सितंबर में तो एक दिन में 2000 से 3000 तक प्रतिदिन तक मरीज मिले। यानी 900 मरीज की जांच में २६ मरीज तक संक्रमित मिल रहे थे। मगर, आज स्थिति विपरीत है। आज 100 मरीजों की जांच में 2.3 मरीज मिल रहे हैं। यह अच्छे संकेत हैं। जानकार मानते हैं कि वायरस कमजोर पड़ा है। यही वजह है कि संक्रमित व्यक्तियों से वायरस का फैलाव नहीं हो रहा।
5 जिले, जहां सबसे ज्यादा एक्टिव मरीज रायपुर 1870, दुर्ग 11004, राजनांदगांव 653, बालोद 493 और बेमेतरा 255 ———————-
गंभीर मरीज भी कम
कोरोना संक्रमण को लेकर हर दिन स्थिति बेहतर हो रही है। मगर, लोग अभी भी लापरवाही बरत रहे हैं। अभी भी लक्षण होने पर जांच नहीं करवा रहे, देर से जांच हो रही है तो गंभीर स्थिति में पहुंच जा रहे हैं। गंभीर मरीजों की संख्या में कमी आई है। मगर, हम यह न मानें की कोरोना खत्म हो गया है। वायरस है और रहेगा।
(एक्सपर्ट-डॉ. आरके पंडा, विभागाध्यक्ष टीबी एंड चेस्ट व डॉ. ओपी सुंदरानी, यूनिट हेड, कोरोना आईसीयू आंबेडकर अस्पताल के मुताबिक) रोजाना 20 हजार से अधिक टेस्ट किए जा रहे हैं। ये अच्छे संकेत हैं कि कम मरीज मिल रहे हैं। अनुमान है कि संक्रमण में गिरावट जारी रहेगी।
– डॉ. सुभाष पांडेय, प्रवक्ता एवं संभागीय संयुक्त, स्वास्थ्य विभाग