ऐसे में वाहनों का व्यवसाय आने वाले दिनों में बेहतर रहने की संभावना है, लेकिन कई ऐसे मॉडल हैं जिसकी सप्लाई कंपनियों से नहीं हो रही है। दरअसल, कंपनियों में भी काम पूरी तरह पटरी पर नहीं लौटने की वजह से यह हालात उत्पन्न हुए हैं।
रायपुर ऑटोमोबाइल्स डीलर्स के पदाधिकारियों का कहना है कि कमर्शियल, पैसेंजर आदि क्षेत्रों में गाड़ियों की डिमांड हो रही है। वर्तमान हालात ने बाजार में यदि डिमांड 30 से 50 है तो सप्लाई सिर्फ 20 से 30 फ़ीसदी है।
10 गाड़ियों के आर्डर में कंपनियों से 50 फ़ीसदी भी सप्लाई नहीं है। कई कंपनियों में 80 फीसदी तक सप्लाई प्रभावित हुई है। ऐसी कंपनियां जिसने बीएस-6 मॉडल की लॉन्चिंग कर दी है, उन कंपनियों में भी सप्लाई की समस्या आ रही है, वहीं कई ऐसी कंपनियां जो कि मार्च-अप्रैल में ही बीएस-6 मॉडल में एंट्री की है ऐसी कंपनियों की सप्लाई और ज्यादा प्रभावित हुई है।
8 जून से बाजार में तेजी की उम्मीद जताई जा रही है। सोशल डिस्टेंसिंग और महामारी की वजह से जहां ऑटोमोबाइल सेक्टर को अप्रैल-मई महीने में बड़े नुकसान का सामना करना करना पड़ा है, वहीं अगस्त से इस सेक्टर में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।