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रायपुर

छत्तीसगढ़ के इस शहर की मुसीबत बढ़ा सकता है कोरोना वायरस

हवा, पानी और मिट्टी के गंभीर प्रदूषण से बुरी तरह हांफ रहे कोरबा शहर और आसपास की बड़ी आबादी की मुसीबत कोरोना वायरस (COVID-19) की वजह से बढ़ सकती है।

रायपुरApr 08, 2020 / 11:21 pm

Ashish Gupta

Coronavirus

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रायपुर. हवा, पानी और मिट्टी के गंभीर प्रदूषण से बुरी तरह हांफ रहे कोरबा शहर और आसपास की बड़ी आबादी की मुसीबत कोरोना वायरस (COVID-19) की वजह से बढ़ सकती है। राज्य स्वास्थ्य संसाधन केंद्र (SHRC) ने कोरबा के लोगों के स्वास्थ्य पर एक अध्ययन रिपोर्ट जारी कर इसकी चेतावनी दे दी है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक कोरबा औद्योगिक क्षेत्र की 11 किलोमीटर की परिधि में रहने वाले 11.79 प्रतिशत लोग अस्थमा से पीड़ित हैं। वही 2.96 प्रतिशत लोग ब्रोंकाइटिस से प्रभावित हैं।

एसएचआरसी के निदेशक डॉ प्रवीर चटर्जी कहते हैं कि कोरबा में करीब 15 से 16% आबादी की हालत नाजुक है। खुली कोयला खदानों और कोयला आधारित ताप बिजली की अधिकता वाला कोरबा शहर गंभीर रूप से प्रदूषित देश के 88 औद्योगिक क्लस्टरों में से पांचवें स्थान पर है।

कटघोरा का भी अध्ययन
एसएचआरसी के इस कॉल सेक्शनल अध्ययन में कोरबा के नमूनों की तुलना थोड़ी दूर बसे कटघोरा से की गई है। दोनों इलाकों से 335 से 325 घरों से नमूना लिया गया। कटघोरा में 5.46 प्रतिशत अस्थमा और 0.99 प्रतिशत ब्रोंकाइटिस के मरीज मिले।

यहां मिल चुके हैं कोरोना के 2 मरीज
एसएचआरसी की यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब देश कोरोना संकट से युद्धस्तर पर जूझ रहा है। कोरबा से कोरोना के 2 मरीज मिले मिल चुके हैं। इनमें से एक मरीज ठीक होकर घर जा चुका है, जबकि दूसरे का इलाज जारी है।

सरकार से यह सिफारिश
– कोरबा के लिए विशेष स्वास्थ्य देखभाल ढांचा बनाया जाए।
– सरकारी अस्पतालों में स्पीडोमीटर जांच की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
– अस्थमा के मरीजों को प्रभावी राहत देने वाली इन्हेलर आधारित दवा सरकारी अस्पतालों से नि:शुल्क वितरित की जाए।
– उद्योग लगने से पहले पर्यावरण प्रभाव अध्ययन की तरह स्वास्थ्य प्रभाव अध्ययन को भी अनिवार्य किया जाए।
– प्रदूषक भुगतान करें, सिद्धांत के तहत उद्योगों से उनके उत्सर्जन के अनुपात में अतिरिक्त राशि ली जाए। इसका उपयोग स्वास्थ्य ढांचे को बेहतर बनाने में किया जाए।

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