महामहिम उइके ने यह निर्देश इसलिए जारी किया है, क्योंकि सीएसवीटीयू ने छात्रों के नामांकन शुल्क में 25 गुना बढ़ोत्तरी कर दी थी। उक्त मामलें का छात्रों ने विरोध किया, तो विश्वविद्यालय प्रबंधन ने इसे सुविधा शुल्क बता दिया। प्रबंधन की इस मनमानी की शिकायत छात्रों ने राज्यपाल से की थी। राज्यपाल ने 2 जनवरी को आयोजित बैठक में सीएसवीटीयू के कुलपति को पूर्व शुल्क लेने का निर्देश दिया है। राज्यपाल ने अपने निर्णय की वजह छात्रहित बताया है।
धान पर सियासत: CM बोले- FCI में चावल जमा करने की अनुमति नहीं मिली तो दिल्ली में होगा आंदोलन 100 रुपए से सीधे 2500 रुपए लिया था नामांकन शुल्क
सीएसवीटीयू ने शिक्षा सत्र 2019-20 में नामांकन शुल्क का 100 रुपए चार्ज किया था। शिक्षा सत्र 2020-21 में इस शुल्क को सीधे 25 गुना बढ़ाकर 2500 रुपए कर दिया था। इस बात की जानकारी होने पर छात्रों ने विरोध किया और राज्यपाल से प्रबंधन की मनमानी की शिकायत कर दी। राज्यपाल ने प्रबंधन के निर्णय को अगले सत्र से लागू करने की बात कही और इस सत्र में पूर्व नामांकन शुल्क लेने का ही निर्देश जारी किया।
शुल्क लेने के पीछे विवि ने दिया यह तर्क
विद्यार्थियों से 2500 रुपए लेने के पीछे विवि प्रबंधन ने यह तर्क दिया है, कि छात्रों को दी जा रही सुविधाओं पर खर्च बढ़ गया है। विवि का खजाना भी खाली है, जिसको देखते हुए यही निर्णय ठीक लगा। विवि ने छात्रों की परीक्षा फीसआधी कर दी है, जिसे एक झटके में बराबर कर दिया गया। खास बात यह है कि परीक्षा शुल्क से लेकर डिग्री हासिल करने तक सीएसवीटीयू छात्रों से सभी शुल्क वसूलता है। फिर भी विवि यहां छात्रों पर होने वाले खर्च की दुहाई देकर अपने निर्णय को सही बता रहा है।
गोधन न्याय योजना: चंदखुरी की सावित्री गोबर बेचकर बनी लखपति, द्रौपदी ने शुरू किया डेयरी व्यवसाय उच्च शिक्षा विभाग के सचिव धनंजय देवांगन ने कहा, राजभवन में आयोजित बैठक में सीएसवीटीयू प्रबंधन को छात्रहित के मद्देनजर शुल्क ना बढ़ाने का निर्देश महामहिम ने दिया है। प्रबंधन को पूर्व शुल्क लेने का निर्देश जल्द जारी किया जाएगा।
सीएसवीटीयू के रजिस्ट्रार के.के.वर्मा ने कहा, शासन के निर्देश मिले है, कि जो बढ़ा हुआ नामांकन शुल्क है, उसे कोरोना काल तक स्थगित किया जाए। जिन छात्रों का नामांकन नहीं हुआ है, उनका अब पुरानी दर से नामांकन शुल्क लिया जाएगा। जो छात्र बढ़ा हुआ शुल्क जमा करके अपना नामांकन करवा चुके है, उनके लिए कार्यपरिषद की बैठक में निर्णय लिया जाएगा।