कमरे से बाहर ही नहीं निकले
पुलिस के मुताबिक ज्वाइंट डॉयरेक्टर श्रीवास्तव मंगलवार सुबह करीब 10 सीताबर्डी इलाके के लॉज पहुंचे। और एक कमरा लिया। लॉज छोटा है और 100-200 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से किराया लगता है। ज्वाइंट डॉयरेक्टर अपने कमरे में गए। इसके बाद बाहर ही नहीं निकले। और न ही किराया जमा किया था। बुधवार शाम करीब 5.30 बजे लॉज में चेकिंग के दौरान कर्मचारी उनके कमरे में पहुंचे।
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दरवाजा खटखटाने पर भीतर से आवाज नहीं आई। दरवाजा भीतर से बंद था। कई बार आवाज देने पर भी जवाब नहीं मिला, तो लॉज के कर्मचारी ने दरवाजे के ऊपर बनी खिड़की से भीतर झांका। भीतर ज्वाइंट डॉयरेक्टर बिस्तर पर लेटे हुए दिखे। उनके मुंह से हल्का झाग निकला हुआ था। इसकी सूचना तत्काल सीताबर्डी थाने में दी गई। इसके बाद सीताबर्डी पुलिस मौके पर पहुंची। इसके बाद दरवाजे को तोड़ा गया।तनाव में थे मृतक
बताया जाता है कि मृतक पहले बिलासपुर में थे। उनका ट्रांसफर गुरुघासीदास विश्वविद्यालय में कर दिया गया था। इसके विरोध में उन्होंने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया था। बाद में हाईकोर्ट से उनकी याचिका खारिज हो गई। इसके बाद उनका ट्रांसफर इंद्रावती भवन में कर दिया गया था। मार्च 2020 से वे संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा का पद संभाल रहे थे।
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सीसीटीवी में दिखे
1 मार्च को ज्वाइंट डॉयरेक्टर इंद्रावती भवन पहुंच थे। सीसीटीवी फुटेज में वे नजर आए हैं। इंद्रावती भवन के भीतर गए, लेकिन अपने ऑफिस में नहीं गए। बीच रास्ते से ही वापस चले गए। इसके बाद से उनका कुछ पता नहीं चला। उनके लापता होने के बाद पुलिस उनकी तलाश में जुटी रही। कुछ पता नहीं चल पाया था। मोबाइल लोकेशन के आधार पर उनका लोकेशन नागपुर दिखा रहा था, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई।
पीएम में होगा खुलासा
मृतक की मौत को लेकर तरह-तरह की चर्चा है। अभी तक पुलिस यह स्पष्ट नहीं कर पाई है कि खुदकुशी है या स्वभाविक मौत है। बताया जाता है कि वे इंशुलीन लेते थे। इसके अलावा तनाव से बचने के लिए कुछ दवाइयां लेते थे। पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा करने का दावा कर रही है।