न्यायाधीश राम कुमार तिवारी ने कहा कि भारत के संविधान में वर्णित मौलिक अधिकारों के माध्यम से विभिन्न मानव अधिकारों को विधिक बल प्रदान किया है और भारत की न्यायपालिका ने इन अधिकारों के संरक्षक के रूप में अपनी भूमिका का हमेशा निर्वाह किया है उन्होंने कहा कि समाज में जब-जब कोई अपराध होता है तब कहीं न कहीं किसी के मानव अधिकार का हनन जरूर होता है।
रायपुर•Dec 10, 2019 / 11:56 pm•
Yagya Singh Thakur
परिवर्तनशील समाज में मानव अधिकार की परिभाषा भी बदलती रहेगी: जिला न्यायाधीश