पुलिस के मुताबिक रक्षित केन्द्र में पदस्थ नगर सैनिक नारायण टांडे (45) पिता गूंजन रूद्री स्थित सरकारी क्वार्टर में शुक्रवार की रात खाना खाने के बाद अपने बीवी, बच्चों के साथ सो गया था। रात में उसकी नींद खुल गई। इस बीच उसके मन में क्या सुझा कि कमरे से निकल कर किचन में चला गया और साड़ी का फंदा बनाकर फांसी में झुल गया। सुबह उसकी पत्नी की नींद खुली तो नारायण बिस्तर में नहीं था।
उसने आवाज भी दी, पर कोई जवाब नहीं मिला। इधर-उधर देखने के बाद जब चाय बनाने किचन गई। उसने दरवाजा खोला तो उसके होश उड़ गए। पति को फांसी के फंदे में लटकते देख चीख-पुकार मचाना शुरू कर दिया। आवाज सुनकर आसपास के लोग भी जमा हो गए। इसके बाद रूद्री पुलिस को खबर की गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल की। पंचनामा कार्रवाई के बाद लाश को फंदे से उतार कर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवा दिया था।
परिजनों का आरोप
बताया गया है कि वह मूलत: ग्राम फुंडा रनचिरई (बालोद) का निवासी था। नगर सैनिक के रूप में पहले उसकी ड्यूटी अस्पताल चौकी में लगी थी। बाद में यातायात शाखा भेज दिया गया। इसके बाद रक्षित केन्द्र में वह पदस्थ था। परिजनों के अनुसार लगातार ड्यूटी बदलने से वह कुछ दिनों से अपने काम पर भी नहीं जा रहा था। संभवत: इसी के चलते उसने आत्महत्या कर ली।
बताया गया है कि वह मूलत: ग्राम फुंडा रनचिरई (बालोद) का निवासी था। नगर सैनिक के रूप में पहले उसकी ड्यूटी अस्पताल चौकी में लगी थी। बाद में यातायात शाखा भेज दिया गया। इसके बाद रक्षित केन्द्र में वह पदस्थ था। परिजनों के अनुसार लगातार ड्यूटी बदलने से वह कुछ दिनों से अपने काम पर भी नहीं जा रहा था। संभवत: इसी के चलते उसने आत्महत्या कर ली।
नगर सैनिक नारायण मानसिक रूप से परेशान था। इसके पहले भी खुदकुशी का प्रयास कर चुका था। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है। गायत्री सिन्हा, टीआई रूद्री