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रायपुर

हड़ताल खत्म होने से उठ रहे बड़े सवाल, धरमलाल कौशिक बोले- सरकार शिक्षाकर्मियों के साथ

सूचना देरी से मिलने के बाद सुबह पाली वाले स्कूलों में ज्यादा शिक्षाकर्मी नहीं पहुंचे, लेकिन दूसरी पाली वाले अधिकांश स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो गई है।

रायपुरDec 06, 2017 / 12:47 pm

चंदू निर्मलकर

Dharamlal Kaushik
रायपुर . शिक्षाकर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल समाप्त होने के बाद मंगलवार से स्कूलों की रोनक वापस लौट आई है। सुबह सूचना देरी से मिलने के बाद सुबह पाली वाले स्कूलों में ज्यादा शिक्षाकर्मी नहीं पहुंचे, लेकिन दूसरी पाली वाले अधिकांश स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो गई है। अचानक हड़ताल लिए जाने के फैसले से शिक्षाकर्मियों में आक्रोश दिखा और वे संगठन के नेतृत्व पर ही सवाल उठा रहे हैं। हालांकि मोर्चा के पदाधिकारियों छात्र और समाजहित का हवाला देकर हड़ताल से वापस लौटने की बात कह रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा- बच्चों के भविष्य निर्माण के लिए मन लगाकर करें अध्यापन
शिक्षाकर्मियों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निवास पर सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों के व्यापक हित में हड़ताल समाप्त किए जाने के निर्णय की प्रशंसा की और उनसे कहा कि अब वे अपने-अपने स्कूलों में लाखों बच्चों के भविष्य निर्माण के लिए मन लगाकर अध्यापन कार्य करें। उन्होंने कहा, राज्य सरकार ने प्रदेश के शिक्षाकर्मियों की सभी समस्याओं और मांगों के बारे में प्रारंभ से ही सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाया है। आगे भी उनके लिए जो कुछ भी बेहतर से बेहतर संभव होगा, जरूर किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में मोर्चा के प्रांतीय संचालक वीरेन्द्र दुबे, प्रांतीय उप संचालक धर्मेश शर्मा, प्रांतीय सह-संचालक चंद्रशेखर तिवारी मौजूद थे।
प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बोले, कांग्रेस के दबाव के कारण हुआ समझौता
शिक्षाकर्मियों की हड़ताल वापसी की घोषणा के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने मंगलवार को सुबह ९ बजे कांग्रेस भवन में आपात बैठक हुई। बैठक में राय मशविरा के बाद छत्तीसगढ़ बंद का निर्णय स्थगित किया गया। पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, कांग्रेस बंद को मिल रहे व्यापक जनसमर्थन से घबराकर सरकार के निर्देशन में प्रशासन ने आनन-फानन में रात को जेल मैनुअल का उल्लंघन करते हुए शिक्षाकर्मियों के नेताओं से वार्ता कर हड़ताल वापस करवाने का काम किया। उन्होंने कहा कांग्रेस के दवाब के कारण ही समझौता हुआ है। कांग्रेस ने सरकार से मांग की है कि वे हठधर्मिता एवं दमनात्मक रवैये को छोड़कर वायदों के अनुसार संविलियन सहित सभी 9 सूत्रीय मांगों को अविलंब पूरा करें। शिक्षाकर्मियों की मांग का समर्थन करने वाले जिला कांगे्रस के कमेटी के अध्यक्ष विकास उपाध्याय समेत अन्य नेताओं को 20 घंटे बाद जेल से रिहा कर दिया गया।
कौशिक बोले, राजनीति कर रही कांग्रेस
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष धरमलाल कौशिक शिक्षाकर्मियों की हड़ताल खत्म होने का स्वागत करते हुए कहा, प्रदेश की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह शिक्षाकर्मियों के साथ है। जबकि कांग्रेस शिक्षाकर्मियों के मुद्दे पर अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से ही सियासत करती रही है। कांग्रेस केवल हर मुद्दे को चुनावी और सियासी चश्में से देखती है। अब जनता समझ गई है कि आखिर कांग्रेस केवल मुद्दा विहीन बातों पर जनता को दिग्भ्रमित करना चाहती है। उन्होंने कहा कि शिक्षाकर्मियों के हित में जो भी अहम फैसले लेने होंगे सरकार भविष्य में जरूर लेगी।
सीएम से मुलाकात के बाद मोर्चा में फूट
छत्तीसगढ़ शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा में पांच संगठन शामिल थे। यही वजह है कि आंदोलन के संचालन के लिए पांच संयोजक बनाए गए थे। हड़ताल के बाद मंगलवार को मोर्चा के चार संयोजकों को छोड़कर वीरेन्द्र दुबे ने अपने साथियों के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात की। इसके बाद मोर्चा में फूट की स्थिति निर्मित हो गई है। मोर्चा के संयोजक संजय शर्मा ने आरोप लगाया कि दुबे ने पहले ही मोर्चा की एकता को कमजोर करने का प्रयास किया है। उन्होंने सवाल उठाया है कि शून्य पर हड़ताल वापसी के एक दिन बाद ही आखिर मोर्चा के एक-दो संचालक सीएम से मिलने क्यों गए। शिक्षाकर्मियों के आंदोलन की शून्य से वापसी के बाद सरकार पर जो मौन भय का दबाव बना था उसे तुरंत सीएम से मिल कर पूरे आंदोलन को और शिक्षाकर्मियों को सबके सामने हल्का कर दिया गया है।
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