कुमार ने बताया योग की परम्परा में सात्विक आहार लेने की बात कही गई है जिसमें फल, सब्जियां दुग्ध शुद्ध घी आदि को आहार में शामिल करना चाहिए। यदि सब कुछ रुपया पैसा, मान सम्मान, इज्जत शोहरत, सुख सुविधाएं व अच्छा परिवार होने पर भी आप खुश नहीं है तो इसका मतलब है कि आपके मस्तिष्क में न्यूरो कैमीकल सिरोटोनीन की मात्रा सामान्य से कम है, जिसके कारण व्यक्ति एन्ग्जाईिट, डिप्रेशन, तनाव में रहने लगता है।
यह सिरोटोनीन हमारे शरीर के भीतर पाये जाने वाले एमिनो एसिड है ये एमिनो एसिड दो प्रकार के शरीर में पाये जाते है, एसेंशियल एमिनो एसिड दूसरे नान एसेंशियल एमिनो एसिड होते हैं। उन्होंने बताया जो एसेंशियल एमिनो एसिडस होता हैं जिसको हम आहार से लेते है आहार से लिए जाने वाले एमिनो एसिड ट्रिप्टोफेन कहते है, ये ही हमारे अन्दर सिरोटोनीन का फारमेशन करता है यदि हम ट्रिप्टोफेन पाये जाने वाला भोजन ले तो सिरोटोनिन की मात्रा सामान्य से अधिक हो जाएगी तब डिप्रेशन, एन्ग्जाईिट, ओ सी डी जैसी बीमारी नही होगी हम हर हाल में खुश रहने लगेगे। ऐसी डायट जिसमें प्रचुर मात्रा में ट्रिप्टोफेन पाया जाता है वह है अनानास, केला, टमाटर, पनीर, दूध, सुखे मेवे, बादाम, अखरोट आदि यदि इन चीजों का सेवन किया जाए तो घबराहट, उदासी, तनाव से मुक्ति मिल जाएगी।”
योग गुरु ने बताया कि इसके अतिरिक्त ध्यान योग भी सिरोटोनीन को स्टुम्यूलेट करता है जिससे इसकी मात्रा बढ़ती है जिससे हमारे जीवन में खुशी आती है। इसको खुशी पैदा करने वाला हारमोन भी कहा जाता है।