उल्लेखनीय है कि आर्थिक समस्या समेत अन्य कारणों के चलते कई दिव्यांग विवाह बंधन में बधना नहीं चाहते। वे अकेले ही जीवन यापन करना उचित समझते हैं। ऐसे दिव्यांगों को विवाह के लिए प्रोत्साहित करने के लिए योजना शुरू की गई है। इसके तहत दिव्यांगों को विवाह करने के पश्चात राशि दी जाती है, ताकि वे इसका उपयोग अपनी जरूरतों को पूरा कर सके। इस योजना की क्रियान्वयन की जिम्मेदारी समाज कल्याण विभाग को दी गई है। जिले में करीब 12 हजार दिव्यांग है। इनमें से कई विवाह योग्य भी है। प्रोत्साहन योजना शुरू होने के बाद दिव्यांग विवाह करने के लिए सामने तो आ रहे हैं, लेकिन उन्हें योजना का लाभ समय पर नहीं मिल पा रहा है। बताया गया है कि पूर्व में प्रोत्साहन राशि दिलाने की मांग को लेकर हितग्राहियों ने कलक्टर से शिकायत भी की थी, लेकिन नजीता सिफर रहा। इसके बाद अधिकांश हितग्राहियों ने प्रोत्साहन राशि मिलने की उम्मीद ही छोड़ दिया है।
ये रह गए वंचित
समाज कल्याण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गुजरा के रोहित साहू, मोहन साहू, दिनेश पटेल, मनोज लाल साहू, हेमलाल पाल, योगेश साहू सरगी के चोमल कुमार, नगरी के हरिश साहू समेत अन्य दिव्यांगों ने विवाह करने के बाद प्रोत्साहन राशि के लिए समाज कल्याण में आवेदन किया है, जिसका लाभ उन्हें नहीं मिल पाया है। दिव्यांगों ने बताया कि आवेदन करने के बाद उन्हें अब राशि के लिए चक्कर काटना पड़ रहा है। अधिकारी राशि कब तक मिल जाएगा, यह भी नहीं बता पा रहे हैं।
नए नियम
प्रोत्साहन योजना का लाभ जिनका उम्र ४५ वर्ष से कम है और ४० प्रतिशत से अधिक दिव्यांग है, उन्हें दिया जाएगा। पहले विवाह करने पर दम्पति को सिर्फ ५० हजार रुपए दिया जाता था। अब इसमें बदलाव कर दिया गया है। वर और वधु दोनों दिव्यांग होने की स्थिति में १ लाख रुपए दिया जा रहा है। दोनों में से एक दिव्यांग होने पर ५० हजार रुपए देने का प्रावधान है।
दिव्यांग दम्मतियों ने प्रोत्साह योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया है। फंड नहीं मिलने से राशि का वितरण करने में देरी हो रही है।
एमएल पाल,अधिकारी समाज कल्याण विभाग