फर्जी बैलेंसशीट, अधूरे दस्तावेज फिर भी लोन पास
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि डीकेएस (DKS) में भ्रष्टाचार की जांच के लिए बनी टीम ने जो रिपोर्ट दी है, उसके अनुसार स्वास्थ्य विभाग की ओर से 13 नवंबर 2017 को डीकेएस के लिए 64 करोड़ रुपए का लोन स्वीकृत किया गया था। इसके लिए सभी औपचारिक दस्तावेज अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉ. पुनीत गुप्ता ने तैयार करवाया था। इसमें सीए की फर्जी बैलेंसशीट समेत अन्य दस्तावेज शामिल थे।
एक बार पूछताछ कर चुकी है पुलिस
घोटाला सामने आने के बाद पुलिस ने एजीएम अग्रवाल से एक बार पूछताछ की थी। उस दौरान एजीएम ने किसी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया था। इसके बाद से अग्रवाल ने रायपुर छोड़ दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो फर्जीवाड़े में उसकी भूमिका उजागर हुई। तीन सदस्यीय टीम ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया।
कई और खुलासे की उम्मीद
सुनील अग्रवाल को रायपुर लाकर विस्तृत पूछताछ की जाएगी। इससे कई और खुलासे की संभावना जताई जा रही है। बैंक ने डीकेएस प्रबंधन को शर्तों के विपरीत लोन दिया है। बताया जाता है कि बैंक के एजीएम सुनील अग्रवाल डीकेएस के पूर्व अधीक्षक डॉ. पुनीत गुप्ता के प्रभाव में थे।
विस्तृत पूछताछ की जाएगी
रायपुर के सीएसपी नसर सिद्दकी ने कहा, पीएनबी (PNB) के एजीएम सुनील अग्रवाल ने दस्तावेजों का परीक्षण किए बिना 64 करोड़ रुपए का लोन जारी किया था। फर्जीवाड़े में संलिप्तता उजागर होने के बाद उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। रायपुर में उससे विस्तृत पूछताछ की जाएगी।