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रायपुर

प्रदेशभर के डॉक्टरों ने बंद किया आयुष्मान योजना के तहत उपचार करना, मरीजों की बढ़ी परेशानी

प्रदेशभर के डॉक्टरों ने बंद किया आयुष्मान योजना के तहत उपचार करना, मरीजों की बढ़ी परेशानी

रायपुरOct 18, 2018 / 03:37 pm

चंदू निर्मलकर

Chhattisgarh news

प्रदेशभर के डॉक्टरों ने बंद किया आयुष्मान योजना के तहत उपचार करना, मरीजों की बढ़ी परेशानी

रायपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत को लेकर स्वास्थ्य विभाग और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के बीच गतिरोध जारी है। स्वास्थ्य अधिकारी का दावा है कि आइएमए की जो भी मांगें थी, सभी पूरी कर दी गई। वहीं, आइएमए का कहना है कि अधिकारी झूठ बोल रहे हैं, पहले की समस्या जस की तस बनी हुई है।
बस्तर संभाग के बीजापुर जिले से आयुष्मान योजना का शुभांरभ किया गया था, लेकिन योजना शुरू होते ही आइएमए ने बकाया राशि, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के पैकेज रेट से आयुष्मान भारत योजना की दरें 40 फीसदी से भी कम होना तथा सॉफ्टवेयर की कई तकनीकी खामियों को बताकर नई योजना के तहत मरीजों का इलाज करने से अपने सदस्यों को मना कर दिया। प्रदेशभर में करीब-करीब सभी डॉक्टरों ने आयुष्मान योजना के तहत उपचार करना बंद कर दिया है।

स्मार्टकार्ड में सभी जानकारी, फिर भी मांग रहे रॉशनकार्ड
स्मार्टकार्ड बनवाने के लिए फॉर्म भरने के दौरान ही हिग्राहियों से पूरी जानकारी भराई गई थी। स्मार्टकार्ड बनाते समय भी आधार कार्ड की फोटो कॉपी ली गई थी। सारी जानकारी होने के बाद भी स्मार्टकार्ड से उपचार कराने सरकारी अस्पतालों में पहुंच रहे लोगों से राशनकार्ड मांगी जा रही है। यदि राशनकार्ड नहीं है तो उन्हें वापस लौटा दिया जा रहा है।

अधिकारी के बोल
स्वास्थ्य विभाग के आयुष्मान एवं संजीवनी योजना के एडिशनल सीइओ विजेंद्र कटरे ने बताया कि आइएमए की जो भी मांगें थी पूरी कर दी गई। पुनजीर्वित केस को लेकर कुछ मामला फंसा हुआ, जिसको जल्द दूर किया जाएगा। इसके लिए 22 से 26 अक्टूबर के बीच बैठक बुलाई गई है। आइएमए की जितना भी राशि बकाया थी, 15 अक्टूबर को पूरा कर दिया गया है। साफ्टवेयर में जो खामियां बताई गई थी, वह भी दूर कर दिया गया है। अब आइएमए को काम करने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।

आइएमए पदाधिकारी बोले
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के अध्यक्ष डॉ. अशोक त्रिपाठी ने बताया कि जैसा अधिकारी दावा कर रहे हैं, वैसा नहीं है। यह जरूर है कि कुछ पेमेंट का भुगतान हुआ है। साफ्टवेयर की समस्या जस की तस बनी हुई है। अभी भी आयुष्मान के तहत एक मरीज के उपचार के लिए प्रक्रिया पूरी करने में डेढ़ से दो घंटे लग रहे हैं। जब एक मरीज को देखने में इतना समय लग रहा है तो बाकी मरीजों को कब देखा जाएगा। वहीं, हॉस्पिटल बोर्ड के सदस्य डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि अभी भी अधिकारी सरासर झूठ बोले रहे हैं।

बिना उपचार किए मरीज को कर दिया डिस्चार्ज
अम्बेडकर अस्पताल में अभनपुर निवासी हार्ट के एक मरीज के स्मार्ट कार्ड में 50 हजार से अधिक राशि नहीं थी तो मरीज का पूरा उपचार किए बिना ही डिस्चार्ज कर दिया।

उन्हें एक पत्र थमाकर राशि बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी से हस्ताक्षर कराने के लिए भेज दिया। मरीज के बेटे ने बताया कि डॉक्टरों ने स्मार्ट कार्ड से पहले इलाज किया, लेकिन कार्ड का बैलेंस खत्म हो गया, तो पिता को डिस्चार्ज कर घर भेज दिया। डॉक्टरों ने उससे कहा कि उसके पिता को आइसीडी डिसाइस लगेगा, जिसमें ज्यादा पैसा खर्च होगा।

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