स्मार्टकार्ड में सभी जानकारी, फिर भी मांग रहे रॉशनकार्ड
स्मार्टकार्ड बनवाने के लिए फॉर्म भरने के दौरान ही हिग्राहियों से पूरी जानकारी भराई गई थी। स्मार्टकार्ड बनाते समय भी आधार कार्ड की फोटो कॉपी ली गई थी। सारी जानकारी होने के बाद भी स्मार्टकार्ड से उपचार कराने सरकारी अस्पतालों में पहुंच रहे लोगों से राशनकार्ड मांगी जा रही है। यदि राशनकार्ड नहीं है तो उन्हें वापस लौटा दिया जा रहा है।
अधिकारी के बोल
स्वास्थ्य विभाग के आयुष्मान एवं संजीवनी योजना के एडिशनल सीइओ विजेंद्र कटरे ने बताया कि आइएमए की जो भी मांगें थी पूरी कर दी गई। पुनजीर्वित केस को लेकर कुछ मामला फंसा हुआ, जिसको जल्द दूर किया जाएगा। इसके लिए 22 से 26 अक्टूबर के बीच बैठक बुलाई गई है। आइएमए की जितना भी राशि बकाया थी, 15 अक्टूबर को पूरा कर दिया गया है। साफ्टवेयर में जो खामियां बताई गई थी, वह भी दूर कर दिया गया है। अब आइएमए को काम करने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
आइएमए पदाधिकारी बोले
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के अध्यक्ष डॉ. अशोक त्रिपाठी ने बताया कि जैसा अधिकारी दावा कर रहे हैं, वैसा नहीं है। यह जरूर है कि कुछ पेमेंट का भुगतान हुआ है। साफ्टवेयर की समस्या जस की तस बनी हुई है। अभी भी आयुष्मान के तहत एक मरीज के उपचार के लिए प्रक्रिया पूरी करने में डेढ़ से दो घंटे लग रहे हैं। जब एक मरीज को देखने में इतना समय लग रहा है तो बाकी मरीजों को कब देखा जाएगा। वहीं, हॉस्पिटल बोर्ड के सदस्य डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि अभी भी अधिकारी सरासर झूठ बोले रहे हैं।
बिना उपचार किए मरीज को कर दिया डिस्चार्ज
अम्बेडकर अस्पताल में अभनपुर निवासी हार्ट के एक मरीज के स्मार्ट कार्ड में 50 हजार से अधिक राशि नहीं थी तो मरीज का पूरा उपचार किए बिना ही डिस्चार्ज कर दिया।