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रायपुर

Education News: कोरोनाकाल में 80 से 90 फीसदी बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई हुई प्रभावित

Education News: कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसलिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ऑनलाइन शिक्षा दी गई। लेकिन कक्षा पहली से आठवीं तक के 80 से 90 प्रतिशत बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई।

रायपुरDec 08, 2021 / 06:04 pm

Ashish Gupta

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Education News: कोरोनाकाल में 80 से 90 फीसदी बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई हुई प्रभावित

रायपुर. Education News: कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसलिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ऑनलाइन शिक्षा दी गई। लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई ज्यादा प्रभावी न होने के कारण कक्षा पहली से आठवीं तक के 80 से 90 प्रतिशत बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई। यह खुद स्कूल शिक्षा विभाग ने अपनी बेस लाइन आंकलन रिपोर्ट में माना है। इसकी भरपाई के लिए स्कूल खुलते ही एक माह का सेतु पाठ्यक्रम संचालित किया गया। इस दौरान बेस लाइन आंकलन किया गया। इसके बाद पढ़ाई में छूटे हुए बच्चों को अधिक प्रभावी ढंग से पढ़ाने के लिए नवा जतन कार्यक्रम शुरू किया गया है।

मार्च 2022 तक स्तर बढ़ाने का लक्ष्य
स्कूल शिक्षा विभाग ने ऐसे बच्चे जो कोरोनाकाल में कक्षा स्तर से पीछे रह गए हैं, उन्हें अगली कक्षा के स्तर तक लाने का प्रयास किया जा रहा है। सेतु पाठ्यक्रम 1 के लागू होने के पूर्व जो बच्चे अपने ग्रेड से नीचे थे, उन सभी को मार्च 2022 तक वर्तमान कक्षा के स्तर तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उपचारात्मक शिक्षण के लिए प्रायोजित कार्यक्रम नवा जतन को प्रत्येक बच्चे तक पहुंचाना बहुत आवश्यक है। इसे सेतु पाठ्यक्रम 2.0 के रूप में छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में लागू किया जाएगा, क्योंकि वर्तमान समय में एससीईआरटी रायपुर की टेक्निकल टीम के साथ राज्य के सभी बच्चों के बेसलाइन आंकलन आधारित स्तर उपलब्ध हैं।

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ऐसे तैयार किया बेस लाइन आंकलन रिपोर्ट
कोरोना कॉल के बाद प्रदेश में स्कूल खुलते ही सबसे पहले स्कूलों में कक्षा पहली से 8वीं तक के बच्चों का बेसलाइन आंकलन तैयार करने का प्लान तैयार किया गया। इस दौरान जो पिछली कक्षा में पढ़े रहे थे, इसकी सामान्य ज्ञान के रूप में टेस्ट लिया गया। साथ ही सिलेबस के कुछ प्रश्न भी पूछे गए। यह दोनों प्रकार के थे मौखिक और लिखित। इससे यह पता चला कि ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों को कितना फायदा हुआ और नुकसान हुआ है। इससे यह पता चला कि ज्यादातर बच्चों को ऑन लाइन पढ़ाई से ज्यादा फायदा नहीं हुआ है। इसलिए उसके ग्रेड को वर्तमान कक्षा तक लाने के लिए उक्त कार्यक्रम शुरू किया गया है।

स्कूल शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव राजेश सिंह राणा ने कहा, कोरोना कॉल में ऑन लाइन पढ़ाई ज्यादा प्रभावी नहीं रही। निश्चित तौर पर ऑन लाइन शिक्षा से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। इसलिए जो बच्चे वर्तमान कक्षा के स्तर से पीछे हैं, उन सभी के लिए नवा जतन कार्यक्रम शुरू किए गए है। मार्च 2022 तक लक्ष्य पूरा किया जाएगा।
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शैक्षणिक स्तर आगे लाने ये किया जाएगा
– हर 15 दिन में ऐसे बच्चों के स्तर का परीक्षण किया जाएगा। साथ ही उनके स्तर में हो रही वृद्धि के विषय की जानकारी एकत्रित की जाएगी।
– स्कूलों में खेल, साहित्य, सामान्य ज्ञान और सांस्कृतिक प्रतियोगिता की जाएगी।
– बच्चों के स्तर बढ़ाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के मास्टर्स ट्रेनर्स द्वारा स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
– इन शिक्षकों की मॉनिटरिंग स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्तत संचालक, संयुक्त संचालक, सहायक संचालक, जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी करेंगे।

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