जिसके चलते आयोग भी बंद कर दिया गया है। यानी नई दरें 1 अप्रैल 2020 से लागू नहीं होंगी। कब से होंगी, इस पर कार्यालय खुलने के बाद ही तय होगा। और कार्यालय कब खुलेंगे, यह तय नहीं है। फिलहाल दरों में वृद्धि 1 अप्रैल से नहीं होगी, यह खबर उपभोक्ताओं को राहत देने वाली है।
स्पष्ट है कि जब तक नई दरें लागू नहीं हो जाती, तब तक पुरानी दरें ही लागू रहेंगी। इस दौरान सरकार की सभी योजनाओं का लाभ यथावत उपभोक्ताओं को मिलता रहेगा। गौरतलब है इस बार तीनों बिजली कंपनियों ने आयोग के समक्ष अपनी प्रिटिशन फाइल करने में देरी की थी, जिस पर आयोग ने नोटिस जारी कर तीन-तीन साल का हिसाब मांगा था। कंपनियों ने 3233 करोड़ का घाटा दर्शाते हुए प्रिटिशन फाइल की थी।
आयोग से छिपाया कंपनियों ने मुनाफा
आयोग द्वारा 17-18 मार्च को रखी गई जन सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ विद्युत उपभोक्ता महासंघ के अध्यक्ष एवं बिजली टैरिफ मामलों के जानकार श्याम काबरा ने अपनी बातें रखीं। उन्होंने दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा- ‘बिजली कंपनी को इस वित्तीय वर्ष में ४६०९ करोड़ रुपए की आय हुई है। जो कंपनियों द्वारा प्रिटिशन में दर्शाई नहीं गई है। कंपनियों ने सिर्फ ३२३३ करोड़ का घाटा दर्शाया। कंपनी मुनाफे में हैं, जो इन आंकड़ों से प्रदर्शित हो रहा है। ऐसे में दरों में वृद्धि करना अनुचित होगा। ‘पत्रिका’ से बातचीत में श्याम काबरा ने कहा कि कंपनियों ने आधी-अधूरी जानकारी आयोग के समक्ष रखी। अब देखना यह होगा कि आंकड़े सामने आने के बाद आयोग का निर्णय क्या होता है।
10-20 प्रतिशत वृद्धि की चल रही चर्चा
सूत्रों के मुताबिक बिजली दरों में बीते दो सालों से कोई वृद्धि नहीं की गई है। २०१८ में लोकसभा चुनाव थे और 2019 में नई सरकार सत्ता में आई थी। अब आगामी चार वर्षों में कोई चुनाव नहीं है। इसलिए चर्चा चल रही है कि बिजली दरों में १०-२० की वृद्धि हो सकती है। अगर, ऐसा होता है तो आयोग के पास क्या आधार होगा, यह स्पष्ट करना होगा। सूत्र यह भी कहते हैं कि पिछले महीने मुख्यमंत्री के समझ बिजली कंपनी के पूर्व अध्यक्ष शैलेंद्र शुक्ला ने दरों में वृद्धि का प्रस्ताव रखा था, तब सीएम ने इस पर नाराजगी जाहिर की थी।
अभी सरकार के आदेशानुसार 31 तक कार्यालय बंद रहेगा। अब उसके बाद जो भी आदेश प्राप्त होगा, उस पर अमल किया जाएगा। तब तक पुरानी दरें ही लागू रहेंगी।
एसपी शुक्ला, सचिव, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग