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रायपुर

हाथी महासमुंद की ओर रवाना हो रहे, डेढ़ माह से गंगरेल में डेरा डाले हुए थे

फिलहाल एक सप्ताह से गंगरेल बांध छोड़कर हाथी गरियाबंद के सीमा के आसपास है। ये हाथियों का दल फरवरी ,मार्च अप्रेल व मई में हाथियों का दल महासमुंद ,धमतरी ,गरियाबंद जिले के साथ रायपुर जिले के रिहायसी क्षेत्र में विचरण कर रहे थे।

रायपुरJul 17, 2020 / 08:24 pm

Karunakant Chaubey

रायपुर. छत्तीसगढ़ प्रदेश में जंगली हाथियों का दल गर्मी से निजात पाने के लिए जंगल को छोड़कर रिहायसी क्षेत्र में अक्सर आ जाते है। इस बार 19 हाथियों हाथियों का दल ने पूरे गर्मी धमतरी जिले के गंगरेल में डेरा डाले हुए थे। पर जैसे ही बारिश होने लगा है। हाथियों का दल गंगरेल बांध छोड़कर गरियाबंद के तरफ बढ़ रहे है। गरियाबंध से असानी से महासमुंद अपने स्थानी रहवास क्षेत्र कुकेराडीह के बंजर पहुच जाएगे।

फिलहाल एक सप्ताह से गंगरेल बांध छोड़कर हाथी गरियाबंद के सीमा के आसपास है। ये हाथियों का दल फरवरी ,मार्च अप्रेल व मई में हाथियों का दल महासमुंद ,धमतरी ,गरियाबंद जिले के साथ रायपुर जिले के रिहायसी क्षेत्र में विचरण कर रहे थे। जिसमें बारदल के 23 हाथियों के दल में 20 धमतरी जिले के गंगरेल बांध के टापू में है। वही 3 हाथी केशवा ,राधे व गोविंदा महासुंद के तालझर,सुकुलवाय,खेरसाली व केसराडीह में विचरण कर रहे है। धमतरी जिले में 16 जून की सुबह इसी दल के हाथी का बच्चा का मौत हुआ था।

हाथियों की सुरक्षा

मानसुन आते ही प्रदेश में वनांचल के किसान फसल के पैदावार बढ़ाने के लिए कीटनाशक का चिड़काव के साथ वन्यप्राणी के बचाव के लिए फेसिंग तार में करंट भी लगा देते है। जिसके चपेट में कई जंगली जानवर आ जाते है। अभी हाल में सरगुजा क्षेत्र में हाथियों की मौत करंट और कीटनाशक से हुई है।

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