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रायपुर

सत्ता परिवर्तन के 23 दिन बाद भी पूर्व CM रमन सिंह ने नहीं छोड़ा मुख्यमंत्री निवास, जानिए वजह

छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के 23 दिन बाद भी पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, सिविल लाइन स्थित मुख्यमंत्री का आधिकारिक निवास खाली करने की जल्दी में नहीं दिख रहे हैं।

रायपुरJan 04, 2019 / 02:02 pm

Ashish Gupta

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रायपुर. छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के 23 दिन बाद भी पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, सिविल लाइन स्थित मुख्यमंत्री का आधिकारिक निवास खाली करने की जल्दी में नहीं दिख रहे हैं। इसकी वजह से शंकरनगर स्थित राजकीय अतिथि गृह पहुना को अस्थायी मुख्यमंत्री निवास की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कार्यालय फिलहाल वहीं से संचालित है।
बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री शहर में एक उपयुक्त सरकारी बंगले की तलाश में हैं। उसके मिल जाने के बाद ही बंगला खाली करने की तैयारी होगी। कहा गया कि डॉ. सिंह ने पहले सिविल लाइन स्थित सी-3 नंबर का बंगला मांगा था। यह बंगला पहले अजय चंद्राकर के पास था। अब उसे गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को आवंटित कर दिया गया है। अब कहा जा रहा है कि रमन सिंह को सिविल लाइन का सागौन बंगला आवंटित किया जा सकता है।
यह वही बंगला है जिसे 2004 में कांग्रेस की सरकार जाने के बाद नई भाजपा सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को आवंटित किया था। जोगी आज भी उसी बंगले में रहते हैं। उसका खाली होना में टेढ़ी खीर होगी। राज्य संपदा के अधिकारियों का कहना है, कि पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से अभी तक किसी बंगले की मांग नहीं आई है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला बताते हैं कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहले ही कह चुके हैं, डॉ. रमन सिंह को जो बंगला चाहिए वह मिलेगा। लेकिन उन्होंने अभी तक इस संबंध में कोई बातचीत ही नहीं की है। अधिकारियों का कहना है कि बंगला खाली करने के लिए 3 महीने का समय दिया जाता है।
तब तक बंगला खाली नहीं हुआ, तो नोटिस जारी होगा। बताया जा रहा है कि बंगला खाली होने के बाद कुछ सप्ताह उसको नए सिरे से तैयार करने में भी जाएंगे। मुख्यमंत्री निवास खाली करने में रुकावट की वजह चाहे जो हो, इस देरी ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह में लोगों की दिलचस्पी एक बार फिर बढ़ा दी है।

जोगी ने भी लगाया था लंबा समय
राजनीतिक गलियारों में कहा जा रहा है कि इतिहास अपने आप को दोहरा रहा है। 2004 में सत्ता बदलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने भी आधिकारिक आवास खाली करने मेंं महीनो का वक्त लगाया था। उन्हें सागौन बंगला पहले ही आवंटित हुआ था, लेकिन उन्होंने उसे लेने से इनकार कर दिया था। कई बंगलों पर हाथ रखने के बाद अंत में वे फिर सागौन बंगले में ही शिफ्ट हुए।

सिविल लाइन में ही एक और बंगला
संपदा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सीएम हाउस से लगा हुआ एक और वीआइपी बंगला ए-3 आवंटित कराया था। इस बंगले में उनकी बेटी और दामाद रहते हैं। यह बंगला आज भी उन्हीं के पास है।

मध्यप्रदेश: शिवराज ने तीसरे दिन ही खाली कर दिया था बंगला
मध्यप्रदेश में नए मुख्यमंत्री कमलनाथ के शपथ ग्रहण के तीसरे दिन यानी 20 दिसम्बर को ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम का आधिकारिक निवास खाली कर दिया था। शिवराज दो ट्रकों में अपना निजी सामान लेकर निकले थे। वहीं राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कभी मुख्यमंत्री के आधिकारिक निवास में रहीं ही नहीं। उन्होंने एक दूसरा बंगला खुद के लिए आवंटित कराया था, सरकार जाने के बाद भी उन्होंने उसी को अपना आवास बनाया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से वह बंगला नए सिरे से आवंटित कर दिया है।

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