रायपुर

Fact Check: पांच साल बाद भी पटरी पर नहीं उतरी हाईस्पीड ट्रेन, रेलवे ने एक बार फिर बढ़ाई उम्मीदें

– पांच साल पहले (Bilaspur to Nagpur semi high speed train) भी की गई थी ऐसी ही घोषणा
– रायपुर डिवीजन (Raipur Railway Devision) कर रहा 61 करोड़ के प्लान पर काम

रायपुरOct 12, 2020 / 09:06 pm

Ashish Gupta

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रायपुर. रेलवे प्रशासन (Indian Railway) ने एक बार फिर रायपुर स्टेशन से होकर 130 से 160 किमी की स्पीड वाली ट्रेन चलाने की उम्मीद बढ़ाई है। रेलवे ने ऐसी ही घोषण पांच साल पहले भी की थी कि नागपुर से बिलासपुर (Bilaspur to Nagpur Semi High Speed train) के बीच लोग बहुत कम समय 2 घंटा 45 मिनट में सफर पूरा कर सकेंगे। यह सुविधा लोगों को तीन साल के अंदर ही मिलने लगेगी फिर हाईस्पीड (High Speed Train) पटरी पर नहीं उतरी। बल्कि वही पुरानी स्पीड गीतांजलि एक्सप्रेस को छोड़कर 70 से 80 किमी की रफ्तार से चल रही हें। हालांकि रायपुर रेल डिवीजन अपने हिस्से वाली पटरी के दोनों तरफ 61 करोड़ की लागत से फेसिंग कराने का काम करा रहा है।
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केंद्र की मोदी सरकार के पहले रेलमंत्री सुरेश प्रभु (Suresh Prabhu) ने रायपुर प्रवास के दौरान हाईस्पीड चलाने की घोषणा 2015-16 में किया था। तब पूरा प्रजेंटेशन में भी दिया गया कि बिलासपुर से नागपुर के बीच सफर करने में अभी 6 से 6.30 घंटे का समय लगता है तो हाईस्पीड ट्रेन चलने से लोगों को बड़ी सुविधा मिलेगी। उनका समय बर्बाद नहीं होगा। लेकिन वह ट्रेन आज तक नहीं चलेगी।
परंतु रायपुर डिवीजन 130 किमी की स्पीड़ से ट्रेनें चलाने के लिए कोरोना लॉकडाउन में भी काम जारी रखा। अनलॉक-5 तक रायपुर जंक्शन से होकर 14 जोड़ी ट्रेनें चलने लगी हैं। इसी बीच रेल मंत्रालय ने एक बार फिर हाईस्पीड चलाने का बयान जारी किया है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर रेलवे जोन के तीनों रेल मंडलों रायपुर, बिलासपुर और नागपुर डिवीजन को तैयारी करने कहा गया था।
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पटरी के दोनों तरफ फेसिंग ताकि मवेशी न घुसें
यह भी यत हुआ था कि बिलासपुर रेलवे जोन (Bilaspur Railway Zone) के तीनों डिवीजन अपने-अपने क्षेत्रों में हाईस्पीड ट्रेन चलाने की तैयारी करेें। उसके बाद सेक्शन टू सेक्शन पटरी दुरुस्त करने के साथ ही पटरी के दोनों तरफ फेसिंग कराने का प्रोजेक्ट पटरी पर उतरा। रायपुर डिवीजन में पिछले दो वर्षों से 61 करोड़ की लागत से यह काम चल रहा है। 85 किमी में से करीब 30 किमी फेसिंग का काम पूरा होने वाला है। भिलाई-चरौदा के बाद डब्ल्यूआरएस क्षेत्र में फेसिंग की जा रही ताकि मवेशी रेलवे ट्रैक में न घुसें। यह काम दाधापारा तक होना है।

रेलवे सीनियर पब्लिसिटी इंस्पेक्टर शिव प्रसाद पंवार ने कहा, हाईस्पीड ट्रेन चलाने की सबसे बड़ी चुनौती मवेशियों को रोकना है। रेल पटरी के दोनों तरफ फेसिंग का काम चल रहा है। ट्रैक को दुरुस्त करने का काम लॉकडाउन में भी बंद नहीं हुआ। मेल और एक्सप्रेस 130 किमी की स्पीड से चलेंगी।

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