एयरपोर्ट में आकर ठगी का शिकार होने से लोगों को बचाने के लिए पुलिस ने विमानतल के प्रमुख स्थानों पर ओएलएक्स ठगी की जानकारी वाले बैनर-पोस्टर लगा दिया है। इससे ठगों के झांसे में फंसकर माना एयरपोर्ट पहुंचने वालों को ओएलएक्स ठगी के बारे में पता चल जाए और वे धोखाधड़ी से बच सकें।
ये है ठगी का तरीका
ऑनलाइन ठगी करने वाले ओएलएक्स में भी सक्रिय रहते हैं। दोपहिया, मोबाइल, कार या अन्य कीमती चीजें बेचने के लिए विज्ञापन देते हैं। और बातचीत के दौरान खुद को सेना का जवान बताते हैं। लोागों को भरोसा दिलाने के लिए माना एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात बताकर मिलने के लिए बुलाते हैं।
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एयरपोर्ट पहुंचने पर सुरक्षा के लिहाज या ड्यूटी के चलते नहीं मिल पाने की विवशता बताते हैं। इसके बाद वाहन की कीमत ऑनलाइन भुगतान करने के लिए कहते हैं। भुगतान होते ही अपना मोबाइल बंद कर देते हैं। एयरपोर्ट परिसर पहुंचने के बाद लोगों को आसानी से भरोसा हो जाता है और सुरक्षा का हवाला देकर ठग भी बाहर नहीं निकलता।
एयरपोर्ट के नाम 25 से ज्यादा ठगी
पिछले दो साल में ओएलएक्स, फेसबुक, नाइजीरियन आदि ने माना एयरपोर्ट के नाम पर 25 से ज्यादा ठगी को अंजाम दिया है। उनके बहकावे में आकर लोग माना एयरपोर्ट तक पहुंचे और धोखाधड़ी का शिकार होकर लौटे। आधे से ज्यादा मामले सेना का जवान बनकर ठगी के हैं।
केस-1
भिलाई के जामुल निवासी शेख रकीब ने सेकंड हैंड सामान खरीदी-बिक्री करने वाली वेबसाइट ओएलएक्स में एक मोबाइल का विज्ञापन देखा। 17 जनवरी 2019 को उन्होंने विज्ञापन में दिए मोबाइल नंबर में कॉल किया। कॉल रिसीव करने वाले ने खुद को माना एयरपोर्ट का कर्मचारी संदीप बताया और मोबाइल बेचने की इच्छा जाहिर की। शेख माना एयरपोर्ट पहुंचा और उसे कॉल किया।
संदीप ने कहा कि मैं एयरपोर्ट से बाहर नहीं आ सकता। मोबाइल के सौदे की रकम 7 हजार ऑनलाइन भुगतान कर देना कहते हुए उसने एटीएम कार्ड का फोटो मांगा। रकीब ने वाट्सएप के जरिए भेज दिया। इसके कुछ देर बाद उनके खाते से ७ हजार रुपए का आहरण हो गया। इसके बाद संदीप का मोबाइल बंद हो गया। बाद में रकीब को पता चला कि एयरपोर्ट में संदीप नाम का कोई कर्मचारी नहीं है।
केस-2
छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी (चिप्स) में सलाहकार दलदल सिवनी निवासी विक्की खोब्रागढ़े ने ओएलएक्स में सेकंड हैंड दोपहिया वाहन का विज्ञापन देखा और उसे खरीदने के लिए उसमें दिए गए मोबाइल नंबर में कॉल किया। 15 नवंबर 2019 को उन्होंने कॉल किया, तो वाहन मालिक ने बताया कि वह आर्मीमैन है और माना एयरपोर्ट में पदस्थ है।
दोपहिया देखने के लिए आ जाओ। विक्की माना पहुंचा और उसे कॉल किया। आरोपी ने कहा कि ड्यूटी के चलते बाहर नहीं आ पाऊंगा। सेना का दोपहिया वाहन है। प्रोसेसिंग में समय लगता है। आप भुगतान कर दो। विक्की ने 8050 रुपए का ऑनलाइन भुगतान कर दिया। इसके बाद आरोपी ने अपना मोबाइल बंद कर दिया।
केस-3
शंकर नगर निवासी कारोबारी की पत्नी ने फेसबुक के जरिए एक विदेशी से दोस्ती कर ली। इसके बाद विदेशी उसे शादी का झांसा देने लगा और माना एयरपोर्ट में अपने निजी विमान से आकर उसे विदेश ले जाने का आश्वासन देकर 10 लाख रुपए से अधिक की ठगी कर ली थी। सिविल लाइन थाने में अपराध दर्ज करने के बाद पुलिस ने एक नाइजीरियन को पकड़ा था।
ओएलएक्स के जरिए ठगी के लगातार शिकायत मिलने के बाद माना पुलिस ने एयरपोर्ट पर बैनर-पोस्टर लगाकर ठगी से बचाने की पहल शुरू की। चूंकि माना एयरपोर्ट में ओएलएक्स के जरिए ठगों के झांसे में फंसे लोग ज्यादा पहुंचते हैं, इसलिए एयरपोर्ट के प्रमुख मार्ग व स्थानों पर बैनर-पोस्टर लगाया गया है। इसमें ओएलएक्स ठगी के बारे में जानकारी देते हुए बचने के लिए अलर्ट किया गया है। बैनर-पोस्टर एेसे स्थानों पर लगाए गए हैं, ताकि आसानी से लोगों को पता चल सके।
ओएलएक्स के नाम पर कई लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। ठगी करने वाले लोगों को झांसा देकर माना एयरपोर्ट परिसर में बुलाते हैं। इस कारण यहां पहुंचने वालों को ठगी का शिकार होने से पहले ही ओएलएक्स ठगी की जानकारी देने की मंशा से मिशन ई-रक्षा के तहत एयरपोर्ट में जगह-जगह बैनर-पोस्टर लगाए गए हैं।
-बर्नाड कुजूर, तत्कालीन टीआई, माना, रायपुर
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