प्रसव कराने भटकते रहे परिजन, गर्भवती ने वेन में जन्मी स्वस्थ बच्ची
राज्य शासन लोगों को स्वास्थ्य सुविधा देने की बात तो कहती है, लेकिन हकीकत में आज भी कुछ स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते लोगों को समुचित व्यवस्था नहीं मिल पा रही है। लोग आज भी स्वास्थ्य सुविधाओं के लाभ से वंचित हैं।
प्रसव कराने भटकते रहे परिजन, गर्भवती ने वेन में जन्मी स्वस्थ बच्ची
गरियाबंद. राज्य शासन लोगों को स्वास्थ्य सुविधा देने की बात तो कहती है, लेकिन हकीकत में आज भी कुछ स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते लोगों को समुचित व्यवस्था नहीं मिल पा रही है। लोग आज भी स्वास्थ्य सुविधाओं के लाभ से वंचित हैं। एक ऐसा ही मामला ग्राम घुटकुनवापरा में देखने को मिला। एक गर्भवती महिला को समय पर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल सका और उस महिला ने वैन में ही एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया।
गरियाबंद जिला मुख्यालय से 8 किमी दूर ग्राम घुटकुनवापारा निवासी बलराम गंधर्व की पत्नी को प्रसव पीड़ी गुरुवार सुबह प्रारंभ हुआ, जिसकी डिलीवरी कराने ग्राम महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पास जाने के लिए वार्ड मितानिन से संपर्क किया गया, लेकिन मितानिन के द्वारा यह कहा गया कि ग्राम के महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता अभी कोरोना काल के समय में डिलीवरी नहीं कराएगी।
बलराम गंधर्व अपनी पत्नी को वैन में लेकर डिलीवरी के लिए ग्राम सोहागपुर उप स्वास्थ्य केंद्र लेकर गया, लेकिन वहां भी कोरोना संक्रमण का हवाला देकर प्रसव नहीं कराया गया। पीडि़त परिवार ग्राम कोचवाय उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा, लेकिन उन्हें बाहर दरवाजे से ही वापस जाने बोल दिया गया। लेकिन पीडि़त अपनी पत्नी को तड़पता देख कोचवाय स्वास्थ्य केंद्र के बरामदे में ही डिलीवरी कराने की विनती की, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। परेशान हो बलराम गंधर्व अपनी पत्नी को लेकर वापस घर लौट रहा था, उसी दरम्यान ग्राम बहेराबुड़ा के पास वेन में ही प्रसव पीड़ा से तड़प रही पत्नी ने वेन के अंदर ही एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया।
इस संबंध में सीएमएचओ से मोबाइल पर संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने मोबाइल नहीं उठाया। वहीं ग्राम के महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता से पूछे जाने पर उसने कहाकि ग्राम में कोरोना संक्रमित मरीज पहले पाया गया था। उसी दौरान उप स्वास्थ्य केंद्र में डिलवरी नहीं कराने की बात कही थी।
गौरतलब है कि एक तरफ राज्य शासन स्वास्थ्य सुविधा को लेकर बड़े-बड़े दावे करता है। लोगों को संदेश दिया जा रहा है कि स्वास्थ्य सुविधा आपके द्वार, लेकिन धरातल में यह कितना सफल है यह इस वाकये से समझा जा सकता है। लोग स्वास्थ्य विभाग तक तो पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें बाहर से ही लौटा दिया जाता है।