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रायपुर

बेटे के मौत के बाद न्याय के लिए भटक रहा पिता

– मृतक का शव घुटनों के बल, बैठा हुआ मिला तथा एक हाथ मुड़ा हुआ था, शरीर नीला पड़ गया था
– शिरीष ने यह सूचना अपनी मम्मी को देना चाहा तो आभा के भाई साकेत ने शिरिष के मोबाइल को छीन लिया
– दुर्गेश कोरोनिक का सीडीआर 3 बजे ग्रीन वैली बताता है पर वह 4.30 बजे
– अनुराग को अस्पताल छोडऩे के बाद वापस घटना स्थल में आभा का पहुचना
– घटनास्थल में दीवारों पर खून के निशान
– घटना स्थल की चाबी आभा द्वारा दुर्गेश एवं समीर को देना – साकेत चौधरी के कर्मचारी पवन, ईश्वर आदि का मोबाइल 9.30 के बाद से संदिग्ध रूप से

रायपुरJun 30, 2022 / 09:33 am

Dinesh Yadu

बेटे के मौत के बाद न्याय के लिए भटक रहा पिता

बेटे के मौत के बाद न्याय के लिए भटक रहा पिता

दिनेश यदु @ रायपुर. स्मृतिनगर पुलिस चौकी (Smritinagar Police Chowki) इलाके में 31 दिसंबर 2021 की रात निजी कॉलेज के इंजीनियरिंग छात्र (Engineering student Anurag Sahu) की मौत को लेकर पिता विरेन्द्र कुमार साहू ने स्मृति नगर पुलिस चौकी की जांच व आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रेसवार्ता लिया। पिता ने बताया कि मौत के मामले को 6 माह बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। मेरा बेटा 15 दिन घर में छुट्टी बिताने के बाद बेटा 31 दिसंबर को मामा के घर गया था। मां और चाची को उरला में छोडऩे के बाद वह अपने स्मृति नगर के किराये वाले मकान में चला गया था। 1 जनवरी को हमें पता चला कि हमारे बेटे की मौत हो गया हैं।
विरेन्द्र साहू ने कहा कि अनुराग साहू के संदिग्ध मौत के मामले में जांच अधिकारी युवराज देशमुख स्मृति नगर चौकी की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए. उनके द्वारा मामले की जाँच में लचर रूख अपनाया गया, तथा उच्चाधिकारियों को गुमराह करने का प्रयास किया गया। साक्ष्य जुटाने, सीसीटीवी फुटेज एकत्र करने, गवाहों से कड़ाई से पूछताछ करने के बजाय घटनास्थल को खुला छोड़ दिया गया तथा मृतक अनुराग को माईग्रेन की झूठी कहानी बनाकर आत्म हत्या साबित करने का कुत्सित प्रयास किया गया। मामले में चार पाँच लोगों से बयान और चार पाँच लोगों का सी.डी.आर. निकाल कर महज खानापूर्ति किया गया, न ही अनुराग के मोबाईल का लॉक खुलवाने का प्रयास किया गया, न ही अनुराग प्रेमिका आभा चौधरी के भाई साकेत चौधरी और बहन विभा चौधरी का बयान दर्ज किया गया, और न ही अविनाश जिसने घटना स्थल का ताला तोडऩे में अहम भूमिका निभाई थी उसका बयान दर्ज किया गया।
जांच अधिकारी बदले जाने पर आभा चौधरी के घर का फुटेज काट छाटकर जाच अधिकारी प्रमोद श्रीवास्तव को उपलब्ध कराया गया तथा रात 10.37 के बाद का फुटेज उपलब्ध कराया गया, जबकि आभा चौधरी द्वारा दर्ज बयान में कहा गया है कि रात 9.15 बजे से 10.15 बजे तक दोनो उसके कमरे में थे। रात 9.00 बजे से 10.37 बजे तक उस कमरे में कौन कौन गया ? क्या अनुराग की हत्या उस कमरे में करने के बाद दूसरे कमरे में ले जाया गया ? क्या पैसे का लेन देन कर फुटेज को गायब किया गया ? आभासाहू, शिषीर साहू व अविनाश पूरा घटनाक्रम में 1 जनवरी दोपहर लगभग 12.30 बजे आभा चौधरी ने मृतक के भाई शिरीष साहू को काल करके बताई कि अनुराग दुर्गेश के फ्लेट में अकेला सोया था, अभी दरवाजा नहीं खोल रहा है। मोबाईल का रिंग बाहर तक सुनाई दे रहा है, आनन फानन में शिरिष ग्रीन वैली पंहुचा तो आभा ने उसे बताया क मैं अविनाश जो कि आभा के कालेज का दोस्त है उसको ताला तोडऩे वाले को लाने के लिए सुपेला भेजी हूं। शिरीष तुरंत अपने पापा को कॉल करने का प्रयास किया तो आभा ने उसे रोक दिया। इस बीच कुछ दोस्त और आभा की बहन विभा आ गये। ताला तोडऩे वाले ने ताला तोड़ दिया।

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