न्यू स्वागत विहार कल्याण समिति के सभी सदस्यों ने कहा कि स्व. संजय बाजपेयी के नहीं रहने से मामले में काफी देर हुई, लेकिन बिल्डर संचालक मंडल की प्रमुख सरिता बाजपेयी और योगेश्वर शुक्ला ने विपरीत परिस्थितियों में 3000 से अधिक प्रभावितों की समस्याओं के निराकरण के लिए पीछे नहीं हटे हैं। समिति के अध्यक्ष अनिल राव के अनुंसार आपसी तालमेल से न्यू स्वागत विहार का कायाकल्प होना तय हुआ है। कल्याण समिति की महिला सदस्य जल्दी ही सरिता बाजपेयी से मुलाकात करेंगी। कोर कमेटी की बैठक में यह भी तय हुआ कि स्वागत विहार को बसाने में जो खर्चा आएगा, उसका वहन सभी सदस्य मिलकर उठाएंगे। न्यू स्वागत विहार का मामला काफी पेचीदा था। पीडि़तों की याचिका पर हाईकोर्ट ने बिल्डर और शासन को मामले का निराकरण करने का आदेश दिया था। इसके बाद नए सिरे से सर्वे, बटांकन, चिह्नांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद लेआउट तैयार किया गया। जिसे स्वीकृति के लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग में प्रस्तुत किया गया है।
25 एकड़ सरकारी जमीन अलग की गई न्यू स्वागत विहार के लेआउट में पहले 25 एकड़ सरकारी जमीन भी शामिल कर ली गई थी, जिसे अब अलग कर दिया गया है। एेसी स्थिति में ही 230 एकड़ के न्यू स्वागत विहार में जहां १५ सौ प्रभावितों के प्लाट के रकबा की स्थिति बिल्डर संचालक मंडल ने न्यायालय में प्रस्तुत किया था और 16 सौ लोगों के लिए जमीन कम पड़ जाने का मामला भी सामने आया था। इसके लिए गार्डन, स्कूल मैदान की जगह लेआउट में कम करने समेत नजूल की जमीन पीडि़तों के हितों को देखते हुए रियायती दर पर आवंटित करने की आवेदन नगर निगम प्रशासन को दिया गया था। अफसरों का कहना हे कि जो नया लेआउट शासन को प्रस्तुत किया गया है, उसकी स्वीकृति के बाद ही स्थिति साफ होगी।