अस्पताल संचालक डॉ. अनिल कर्नावट ने बताया कि मरीज गंभीर स्थिति में अस्पताल आया था। उसे निमोनिया था। उसे वेंटीलेटर पर रखा गया था। 27 को कोरोना संदिग्ध मानते हुए उसका सैंपल लेकर जांच के लिए एम्स रायपुर भेजा गया था। जहां से 29 मई की दोपहर को रिपोर्ट आई, मगर उसके पहले ही दोपहर 12 बजे उसकी मौत हो चुकी थी।
कोरोना पॉजिटिव मजदूर की मौत के बाद फैक्ट्री सील
राजधानी रायपुर से लगे बिरगांव के एक निजी फैक्ट्री में काम करने वाले कोरोना पॉजिटिव (Coronavirus in Chhattisgarh) 36 वर्षीय मजदूर की मौत के बाद हड़कंप मच गया है। इस घटना के बाद फैक्ट्री को सील कर सभी मजदूरों को वहीं पर क्वारंटाइन कर दिया गया है।
साथ ही जिस निजी अस्पताल में मजदूर का इलाज किया जा रहा था, वहां के डाक्टर और स्टाफ समेत 15 लोगों को क्वारंटाइन किया जाएगा। उस अस्पताल में मजदूर के निमोनिया बीमारी का इलाज किया जा रहा था।
अस्पताल में कोरोना का इलाज नहीं हो रहा था
जिस निजी अस्पताल में मौत हुई है उसमें मृतक का कोरोना का नहीं, निमोनिया का इलाज हो रहा था। क्या अस्पताल के स्टाफ को भी संक्रमण का खतरा है। बिल्कुल, इसलिए तो यहां के 12 से अधिक स्टॉफ को क्वारंटाइन करवा दिया गया है। जिला स्वास्थ्य टीम देर शाम अस्पताल पहुंची। अस्पताल को क्या सील किया जाएगा, अभी निर्णय नहीं लिया गया है। मगर, संचालकों को निर्देशित किया गया है कि वे सावधानी बरतें।