बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के वनांचलों के लोग अपनी आजीविका के लिए वनभूमि पर निर्भर हैं। सरकार ने इन्हें वनाधिकार पत्र के माध्यम से भूमि का हक प्रदान कर चिंतामुक्त कर दिया है। वनाधिकार पत्र के माध्यम से भूमि का हक प्राप्त कर जिले के वनांचल की बड़ी आबादी लाभान्वित हुई है। विकासखंड बलरामपुर के तरकाखण्ड निवासी नरेश को वनाधिकार पत्र के माध्यम से 1.5 हेक्टेयर भूमि प्राप्त हुई थी। नरेश बताते हैं कि उनकी आजीविका का साधन एकमात्र धान का खेत हुआ करता था जिससे किसी तरह अपना जीवनयापन कर रहे थे। किंतु वनाधिकार के माध्यम से प्राप्त भूमि के अधिकार ने उनके जीवन में बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने अपनी खेती करने के तरीके को भी बदल दिया है।
पट्टा मिलने से पूर्व नरेश की आमदनी सिर्फ इतनी थी कि वह सिर्फ परिवार का भरण-पोषण कर पा रहा था, किंतु अब वह अनाज की खेती के साथ-साथ सब्जियों की खेती कर 2 लाख रुपए तक की कमाई कर रहा है। सिंचाई के लिए उनके पास अब सोलर पंप उपलब्ध है, जिससे उन्हें पानी की समस्या नही है। सिंचाई की व्यवस्था से अब नरेश रबी और खरीफ दोनों फसल ले पा रहे हैं। फसलों की अच्छी पैदावर से प्राप्त आय से अब उन्होंने ट्रैक्टर खरीद लिया है। नरेश बताते है कि वे नकदी फसल ले रहे है, जिससे आमदनी की दिक्कत नहीं है। बच्चों को अच्छी शिक्षा दे पा रहे है और परिवार आर्थिक रूप से सक्षम हो रहा है। नरेश ने भूमि का अधिकार देने के लिए शासन का धन्यवाद किया है।