रायपुर

IMEI नंबर बदलकर एक्सचेंज ऑफर में पुराने मोबाइल को नया बताकर ई-कॉमर्स पर कर रहे थे सेल, ऐसे हुआ खुलासा

अगर आप पुराने मोबाइल के बदले नया मोबाइल खरीदने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाएं। दरअसल, छत्तीसगढ़ में एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश हुआ जो नामी ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइट पर एक्सचेंज ऑफर के तहत पुराने मोबाइल को नया बताकर बेचते थे।

रायपुरDec 05, 2021 / 08:31 pm

Ashish Gupta

IMEI नंबर बदलकर एक्सचेंज ऑफर में पुराने मोबाइल को नया बताकर ई-कॉमर्स पर कर रहे थे सेल, ऐसे हुआ खुलासा

बिलासपुर. अगर आप पुराने मोबाइल के बदले नया मोबाइल खरीदने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाएं। दरअसल, छत्तीसगढ़ में एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश हुआ जो नामी ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइट पर एक्सचेंज ऑफर के तहत पुराने मोबाइल को नया बताकर बेचते थे। IMEI नंबर में छेड़छाड़ कर पुराना मोबाइल को महंगे मॉडल बताकर नामी ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइट में बेचने वाले चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से 50 लाख का मोबाइल बरामद किया गया है। चारों आरोपी मुंगेली जिले के रहने वाले हैं। आरोपियों ने सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ कर नामी ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइट के एक्सचेंज ऑफर के माध्यम से बेचते थे। आरोपियों के कब्जे से 2 लैपटॉप, 80 नया मोबाइल, 72 पुराना मोबाइल, 25 फ्लिप कवर, मोबाइल चार्जर, 9 सिम कार्ड, 1 सॉफ्टवेयर जब्त किया गया।
नामी ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइट की लॉजिस्टिक कंपनी विली रतनपुर के ओडीएच आउट सोर्सिंग डिलीवरी हब के हब इंचार्ज रौशन खान ने सरकंडा पुलिस थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि नामी ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइट में एक्सचेंज ऑफर चल रहा है, जिसके तहत ग्राहक अपने पुराने सामान या मोबाइल आदि को ऑफर के तहत बदल कर नए सामान या मोबाइल प्राप्त कर सकते हैं। उस योजना का लाभ ले सकते हैं।
यह भी पढ़ें: Cyber Crime: प्रोफेशनल ट्रेनिंग लेकर साइबर ठग लोगों को बना रहे हैं अपना शिकार, ऐसे करें बचाव

कंपनी द्बारा ग्राहकों से ऑनलाइन मोबाइल का मॉडल व IMEI पूछकर मूल्य का निर्धारण किया जाता है। जिसके एवज में नए मोबाइल फोन को कम कीमत पर ग्राहकों को उपलब्ध कराया जाता है। कंपनी के डिलीवरी बॉय ने पुराने मोबाइल का IMEI मिलान कर मोबाइल को एक्सचेंज किया जाता था। उस दौरान पता चला कि इस आफर के तहत अधिकतर मोबाइल चकरभाटा व पुराने बस स्टैंड बिलासपुर क्षेत्र और रायपुर-भिलाई में अलग-अलग नाम पते व माबाइल नंबर पर डिलीवर हुए हैं।
इस प्रकार लगभग 100 से अधिक मोबाइल फोन डिलीवर हुए है। कंपनी को भेजे गए मोबाइल के IMEI गलत है व उनके मॉडल में भी भिन्नता है। कंपनी के साथ लाखों रुपए की धोखाधड़ी इस एक्सचेंज ऑफर के तहत की जा रही है। जांच के दौरान निरीक्षक कलीम खान के नेतृत्व में ई-कॉमर्स वेबसाइट से संपर्क किया गया। ऑफर पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए। संदिग्ध पते पर आगामी डिलीवरी को होल्ड कराया। एक्सचेंज करने वाले लोगों की पहचान कर उन्हें हिरासत में लेकर घटना के संबंध में पूछताछ की गई। गिरोह के मास्टर माइण्ड दुर्गेश वर्मा व अजय दावड़ा आने सहयोगियों के साथ धोखाधड़ी करना स्वीकार किया। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

ऐसे करते थे धोखाधड़ी
वारदात को अंजाम देने वाले मास्टर माइंड दुर्गेश वर्मा और अजय दावड़ा ने पुलिस को बताया कि पूर्व में इनकी अजय मोबाइल के नाम से मुंगेली में दुकान थी जो कि पिछले 8-10 महीने से बंद है। नामी ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइट द्बारा दिए जा रहे एक्सचेंज ऑफर की इनको जानकारी थी। जिसका फायदा उठाने के लिए यह मोबाइल कंपनी के पुराने स्मार्टफोन को रायपुर, बिलासपुर, भिलाई के दुकानों से कम दामों में खरीदता था। पुराने मोबाइल के IMEI नम्बरों को बदलकर उनको महंगे मोबाइल के IMEI में फिक्स करके ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइट को एक्सचेंज ऑफर के तहत भेजकर नए मंहगे मोबाइल मंगवाकर उन्हें बेचकर मुनाफा कमाता है।

यह भी पढ़ें: Bank Safety Tips: बैंकिंग की इन छोटी-छोटी बातों का रखें ध्यान, ऑनलाइन ठगी का नहीं होंगे शिकार

ऑनलाइन सॉफ्टवेयर मंगवाए थे
आरोपी दुर्गेश व अजय दावड़ा ने IMEI व नेटवर्क परिवर्तन करने वाला सॉफ्टवेयर ऑनलाइन आर्डर के माध्यम से मंगवाए थे। जिसके माध्यम से वे बिलासपुर, रायपुर, भिलाई समेत अन्य शहरों से खरीदे गए कम दामों के मोबाइल को कनेक्ट कर मंहगे मोबाइल का आईएमईआई की जानकारी लेकर उस मोबाइल के IMEI व नेटवर्क को रिपेयर कर लेते थे। पुराने मोबाइल के कैबिनेट को बदलकर मॉडल के अनुसार एनसेंबल कर ई-कॉमर्स वेबसाइट को मूल्य तय करने के लिए भेजकर नए मोबाइल आर्डर करते थे।

पुराना मोबाइल जो 2 से 4 हजार में लेते थे। एसेंबल एवं IMEI बदलकर 15 से 18 हजार मूल्य करते थे। 12 हजार रुपए के मोबाइल को 27-28 हजार में बेचते थे। अब तक 100 से अधिक मोबाइल मंगवाकर बेच चुका है। इसके लिए आरोपी अलग-अलग जगह से पुराना व चलन से बाहर मोबाइल खरीदते थे। सॉफ्टवेयर के माध्यम से आईएमईआई बदलकर नए व महंगे फोन के IMEI में परिवर्तित करते थे। फर्जी फोन का उपयोग कर फर्जी पता देकर पार्सल को प्राप्त करते थे।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.