जिन बच्चों का आपरेशन किया गया, उनकी उम्र महज एक महीने से लेकर छह साल और वजन ढाई किलो से लेकर 17 किलोग्राम था। बाबा के आशीर्वाद से सभी बच्चों का संचालन सुचारू रूप से सम्पन्न हुआ और वे अच्छी तरह से स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। ये सभी बच्चे केवल 9,300 रुपये की औसत मासिक पारिवारिक आय वाले बहुत ही गरीब और साधारण आर्थिक पृष्ठभूमि से आए थे।
लगभग सभी बच्चों के पिता किसान या दैनिक मजदूर थे। इन बच्चों में से पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, ओडिशा, उत्तरप्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ के बच्चे शामिल थे। सामान्य समय के दौरान इतनी संख्या में मरीजों का सर्जरी करना कोई महत्वपूर्ण कार्य नहीं है। लेकिन कोरोना महामारी के दौरान ऐसा करना श्री सत्य साई संजीवनी टीम की ओर से एक विशेष संकल्प और लचीलापन का संकेत देता है। टीम के सभी सदस्यों ने कोरना संक्रमण की जांच के लिए नमूनों की संग्रह से लेकर मरीजों को भर्ती करने और उन्हें संचालित करने तक के परिणामों की पूर्णता के लिए अपनी भूमिका निभाई।