जो पंक्चुअल नहीं हुए, वे बाहर हुए
समय प्रबंधन पर कहा कि एक्टिंग फील्ड में टाइम का पंक्चुअल होना बहुत मायने रखता है। मैंने अमिताभ बच्चन समेत जितने भी अभिनेताओं संग काम किया सभी टाइम के पंक्चुअल थे। मैंने देखा है कि जो पंक्चुअल नहीं हुए, वे बाहर हुए।
राजकुमार ने कहा था गैंडा स्वामी
तिरंगा में मेरा नाम गूंडा स्वामी था लेकिन राजकुमार साहब ने उसे मोडिफाई करते हुए गैंडा स्वामी कर दिया। आज भी लोग मुझे इसी नाम से जानते हैं।
क्लास-1 ऑफिसर बीवी मिली
मैं सिर्फ एक्टिंग करता था जबकि मेरे साथ वाले लोग बैंक में जॉब करते थे। उस वक्त मैं इस बात से चिंतिंत था कि इनकम का और भी जरिया होना चाहिए। भगवान ने मेरी सुनी और मेरी शादी सुपर क्लास-1 ऑफिसर से हुई।
मैंने जितनी भी फिल्में की है, पहले से किसी को नहीं बताया। रिलीज होने के बाद खुद का काम देखते थे, फिर किसी को बताने की सोचते थे। ऑडियंस का भी बढिय़ा रिस्पांस मिलता था। नहीं बताने का कारण यह था कि एडिटिंग के बाद पता नहीं कितने सीन में हम नजर आएं। कहीं दोस्त मजाक न उड़ाए इसलिए चुप ही रहते थे।
आनंद से काम करो
नई पीढ़ी को दिए मैसेज में कहा कि लगन और मन से काम करो। काम में आनंद लो। आनंद से काम करोगे तो दूसरों को आनंद दे पाओगे