क्या आप जानते हैं कि भगवान गणेश की शरीर की बनावट का एक विशेष महत्व होता है। उनके शरीर का हर एक अंग जैसे सूंड, एक दांत और लम्बा पेट हर किसी का अपना एक अलग महत्व है।
1. गणपति की सूंड – भगवान गणेश का लंबा सूंड बुद्धिमतता का प्रतीक होता है। गणेश जी हिलती-डूलती सूंड हमेशा अपने आसपास हो रही चीजों के बारे में सचेत रहने की जानकारी देती है।
2. गणेश जी का पेट – शास्त्रों के अनुसार गणेश जी का लंबा पेट होने का कारण यह माना जाता है कि वह हर अच्छी या बूरी बात को अपने पेट में पचा लेते हैं। जिससे यह संदेश मिलता है कि इंसान को बातों को समझ कर सूझबूझ के साथ काम करना चाहिए।
3. बड़े कान – गणेश जी के बड़े कान लोगों को ये संदेश देते हैं कि इंसान को सभी को बातें सुननी चाहिए। लेकिन अपनी बुद्धि से ही किसी भी काम को करना चाहिए।
4. एक हाथ में मोदक – मोदक गणेश जी का सबसे प्रिय भोग होता है। मोदक की तरह ही भगवान गणेश का व्यवहार भी भक्तों के लिए मीठा होता है।
5. पाश और अंकुशधारी – गणेश जी के हाथ में पाश और अंकुश होता है। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में पाश और अंकुश की आवश्यक्ता पड़ती है। लोगों को अपने चंचल मन पर अंकुश लगाने की और अपने अंदर की बुराईयों को मिटाने के लिए इसकी जरूरत पड़ती है।
6. एक दांत – पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत की कथा लिखते समय भगवान गणेश ने अपने दांत को कलम की तरह इस्तेमाल किया था। इसलिए उनके एक ही दांत हैं दूसरा दांत खंडित है। गणेश जी का एक दांत उनकी कार्यक्षमता और दक्षता का बोधक है। यह दर्शाता है कि एक दांत होने के बावजूद भगवान गणेश पूर्ण हैं।
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