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रायपुर

टिड्डी दल को लेकर सरकार सतर्क; कृषि, उद्यानिकी व वन विभाग को दी जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री ने कहा- फसलों के बचाव के लिए किए जाएं सभी आवश्यक उपाय सीमावर्ती जिलों में ज्यादा खतरा

रायपुरMay 29, 2020 / 01:58 am

ramdayal sao

टिड्डी दल को लेकर सरकार सतर्क; कृषि, उद्यानिकी व वन विभाग को दी जिम्मेदारी

टिड्डी दल को लेकर सरकार सतर्क; कृषि, उद्यानिकी व वन विभाग को दी जिम्मेदारी

रायपुर. टिड्डी दल के छत्तीसगढ़ में प्रवेश करने की आशंका से सरकार भी सतर्क हो गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बधेल ने संभावित प्रकोप से फसलों के बचाव के लिए समय पूर्व सभी आवश्यक तैयारी करने के निर्देश कृषि, उद्यानिकी, वन विभाग सहित राज्य के जिला कलेक्टरों को दिए हैं। मुख्यमंत्री ने सीमावर्ती जिलों में टिड्डी दल के आने एवं उनके उड़ान भरने की दिशा पर निरंतर मॉनिटरिंग के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री बघेल ने टिड्डी दल से बचाव के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित करने एवं पर्याप्त मात्रा में कीटनाशक दवाइयों की व्यवस्था करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने किसानों से कहा है कि फसल या पेड़ों पर टिड्डी या टिड्डी दल दिखे तो कृषि या राजस्व विभाग के अमले या फिर जिला नियंत्रण कक्ष या किसान हेल्पलाइन टोल फ्री नम्बर-18002331850 पर तत्काल सूचना दें, ताकि टिड्डी के प्रकोप की रोकथाम के लिए आवश्यक उपाय तत्परता से किए जा सके।
धुआं और ध्वनि विस्तारक यंत्र से शोरगुल करें : मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग के अधिकारियों को किसानों को टिड्डी दल को भगाने के लिए प्राकृतिक एवं परम्परागत उपाय अपनाने के समझाईश देने को कहा है। उन्होंने कहा है कि टिड्डी दल को खेत के आसपास आकाश में उड़ते दिखाई देने पर उनको उतरने से रोकने के लिए तुरंत खेत के आसपास मौजूद घास-फूस को जलाकर धुंआ करना चाहिए अथवा ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से शोरगुल करने से टिड्डी
दल खेत में न बैठकर आगे निकल जाता है।

बालाघाट की ओर बढ़ रहा दल

टिड्डी दल को आगे बढऩे से रोकने के लिए 100 किग्रा धान की भूसी को 0.5 किग्रा फेनीट्रोथीयोन और 5 किग्रा गुड़ के साथ मिलाकर खेत में डाल दें। इसके जहर से वे मर जाते हैं। टिड्डी दल के खेत की फसल पर बैठने पर, उस पर 5 प्रतिशत मेलाथीयोन या 1.5 प्रतिशत क्विनाल्फोस का छिडक़ाव करें। कीट की रोकथाम के लिए 50 प्रतिशत ईसी फेनीट्रोथीयोन या मेलाथियोन अथवा 20 प्रतिशत ईसी क्लोरपाइरिफोस 1 लीटर दवा को 800 से 1000 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर क्षेत्र में छिडक़ाव करें।टिड्डी दल सवेरे 10 बजे के बाद ही अपना डेरा बदलता है। इसलिए, इसे आगे बढऩे से रोकने के लिए 5 प्रतिशत मेलाथियोन या 1.5 प्रतिशत क्विनालफॉस का छिडक़ाव करें। 500 ग्राम एनएसकेइ1 या 40 मिली नीम के तेल को 10 ग्राम कपड़े धोने के पाउडर के साथ या फिर 20.40 मिली नीम से तैयार कीटनाशक को 10 लीटर पानी में घोलकर छिडक़ाव करने से टिड्डे फसलों को नहीं खा पाते। फसल कट जाने के बाद खेत की गहरी जुताई करें। इससे इनके अंडे नष्ट हो जाते हैं।

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