पहले चरण में आठ स्थानों को विकसित करने का प्रस्ताव है। इनमें कोरिया जिले का सीतामढ़ी-हरचौका, सरगुजा का रामगढ़, जांजगीर-चांपा जिले का शिवरीनारायण, बलौदा बाजार-भाटापारा का तुरतुरिया, रायपुर का चंद्रखुरी, गरियाबंद का राजिम, धमतरी का सिहावा और बस्तर का जगदलपुर शामिल है।
सरकार इन स्थानों पर चार अफसरों की एक समिति बनाकर सर्वेक्षण कराएगी। उसके बाद यहां जाने वाली सड़कों को चौड़ा किया जाएगा। इन स्थानों पर पर्यटक सुविधा केंद्र, इंटरप्रिटेशन सेंटर, वैदिक विलेज, पगोड़ा, वेटिंग शेड, पेयजल, शौचालय बनेंगे, बैठने की कुर्सिया होगी, खान-पान सुविधा और नदी घाटों का विकास किया जाएगा।
वहीं आक्रामक हिंदुत्व के जवाब में अपनी एक पारंपरिक हिंदुवादी छवि भी सामने लाना चाहती है। वहीं रामायाण सर्किट जैसी केंद्र की योजनाओं से मदद लेकर पिछड़े क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे का विकास भी करने की सोच है। सरकार की कोशिश पर्यटन सुविधाओं का विकास कर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की है, ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार मिले और राज्य की आय में भी इजाफा हो।