इस वजह से बढ़ी मुश्किलें
निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता महीनों तक लुकाछीपी का खेल खेलने के बाद गुरुवार को ईओडब्ल्यू के सामने हाजिर हुए। उस दिन वे महानिदेशक के रुतबे वाली तीन सितारा लगी उसी कार में ईओडब्ल्यू मुख्यालय पहुंचे थे, जो पदेन उनको आवंटित थी। पूछताछ में उन्होंने जांच अधिकारियों को अदालत में देख लेने की धमकी भी दी थी।
नान घोटाले और फोन टेपिंग का आरोप
निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता पर नान घोटाले में दस्तावेजों से छेड़छाड़ और अवैध रूप से फोन टेपिंग के मामले में एफआईआर दर्ज है। ईओडब्ल्यू ने उन्हें कई बार नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन गुप्ता नहीं पहुंचे। उन्होंने उच्च न्यायालय में कार्यवाही को चुनौती दी थी। पिछले दिनों उच्च न्यायालय ने जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया। वहीं राज्य सरकार को सख्त कदम उठाने से मना किया। उसके बाद गुप्ता गुरुवार को पहली बार एजेंसी के सामने हाजिर हुए।