ऐसी जगह चुनते हैं जहां धूप-पानी पर्याप्त होग्रीन ङ्क्षवग के इंचार्ज मोहन वल्र्यानी ने बताया, पौधरोपण के लिए हम ऐसे स्थान का चयन करते हैं जहां धूप और पानी पर्याप्त हो क्योंकि इनके बिना पौधों की ग्रोथ संभव नहीं। जानवरों से सुरक्षा के लिए प्रयास करते हैं कि जहां पौधरोपण करना हो वह जगह बाउंड्रीवॉल से घिरी हो। ऐसा नहीं होने पर ट्री गार्ड की व्यवस्था करते हैं। अब तक सबसे ज्यादा 3 हजार पौधे छेरीखेड़ी चर्च, 3 हजार पौधे कोङ्क्षलबिया कॉलेज, 3 हजार पौधे माना और 2 हजार पौधे अमलेश्वर, 2 हजार पौधे अभनपुर शासकीय स्कूल में लगाए गए हैं।[typography_font:14pt;” >रायपुर. ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते खतरों के बीच 5 जून को पूरा विश्व पर्यावरण दिवस मना रहा है। कई इस दिशा में गंभीर प्रयास भी कर रहे हैं। ग्रीन आर्मी ऐसी ही एक संस्था है जो शहर जो पिछले पांच सालों से रायपुर की हरियाली के लिए काम कर रही है।2017 से अब तक संस्था शहरभर में 1.55 लाख से ज्यादा पौधे लगा चुकी है। अलग-अलग इलाकों में 1500 वॉलंटियर्स की फौज भी खड़ी की है जिन पर इन पौधों की सुरक्षा का दारोमदार है। वॉलंटियर पौधों को पानी देने के साथ जानवरों से रक्षा के लिए उनकी नियमित देखभाल भी कर रहे हैं। पौधों की मंथली रिपोर्ट भी तैयार की जाती है जिसके मुताबिक संस्था द्वारा लगाए गए 80 फीसदी से ज्यादा पौधे सुरक्षित हैं। भली भांति फल-फूल रहे हैं। इनमें से कई पेड़ भी बन चुके हैं। ग्रीन आर्मी के संस्थापक अमिताभ दुबे बताते हैं, 5 साल पहले महज 100 वॉलंटियर के साथ शुरुआत की थी। तब पौधरोपण का दायरा स्कूल-कॉलेज परिसर तक सीमित था। धीरे-धीरे प्रकृति प्रेमी जुड़ते गए और अब एक विशाल टीम तैयार है जो शहर के बाहर भी पौधरोपण कर रही है। इसके लिए हमने शहर और आसपास के इलाकों को 15 जोन में बांटा है। हर जोन में कई बीट हैं और प्रत्येक बीट में एक इंचार्ज। पूरा सिस्टम मिलकर पौधे लगाने, देखभाल करने और समय-समय पर उनकी मॉनीटङ्क्षरग का भी काम करता है।गजराजबांधा तालाब का पुराना वैभव वापस लाने 2 साल से हफ्ते में एक दिन श्रमदानगजराजबांधा रायुपर के सबसे बड़े तालाबों में एक है। सरकारी दस्तावेजों में यह 230 एकड़ का तालाब है, लेकिन आज एक तिहाई से भी कम हिस्से में पानी रहता है। तालाब का बाकी हिस्सा या तो मलेबे से अटा है या कब्जे में है। संस्था पिछले 2 सालों से इस तालाब का अस्तित्व बचाने और पुराना वैभव वापस लौटाने में जुटी है। हर रविवार संस्था के सदस्य श्रमदान कर तालाब की सफाई कर रहे हैं। इनमें कई सरकार अफसरों के साथ युवाओं की एक बड़ी टीम सहयोग कर रही है।