हेराफेरी करने के लिए पूरा लेन-देन नगदी में किया गया है। वहीं पकड़े जाने के डर से पूरा हिसाब कच्ची रसीदों में किया जाता था। जीएसटी की टीम को कम्प्यूटर में इसके रेकॉर्ड मिले हैं।
सिगरेट का फिल्टर बनाने फैक्ट्री में निर्धारित मात्रा से अधिक स्टॉक मिला है। वहीं बिना किसी वैध दस्तावेज बड़ी मात्रा में तम्बाखू भी मिले है। जांच में इसके निम्नस्तरीय होने की जानकारी मिली है। इसे देखते हुए स्थानीय जिला प्रशासन को सूचना भेजी गई है।
दस्तावेज जब्त
प्राथमिक जांच के दौरान दर्जनों कंपनियों को फिल्टर और तंबाखू की आपूर्ति किए जाने की जानकारी भी मिली है। फिलहाल गोदाम में मिले स्टॉक, उसके रजिस्टर, फैक्ट्री के उत्पादन और दफ्तर से सभी रेकॉर्ड लिए गए हैं।
रैकेट सक्रिय
सिगरेट का फिल्टर बनाने वाली कंपनी के साथ जीएसटी चोरी करने वाले रैकेट के जुटे होने की जानकारी मिली है। इसके दस्तावेज मिलने के बाद कुछ अन्य लोगों को संदेह के दायरे में लिया गया है। साथ ही दुर्ग स्थित रेलवे गोदाम के बुकिंग रजिस्टर से फिल्टर एवं तंबाखू की डिलिवरी और आर्डर का मिलान भी किया जाएगा।