scriptGupt Navratri 2022: 2 फरवरी से शुरू हो रही है गुप्त नवरात्रि, विशेष इच्छा की पूर्ति और सिद्धि के लिए साधक करेंगे उपासना | Gupt Navratri 2022 Date: Gupt Navratri will start from February 2 | Patrika News
रायपुर

Gupt Navratri 2022: 2 फरवरी से शुरू हो रही है गुप्त नवरात्रि, विशेष इच्छा की पूर्ति और सिद्धि के लिए साधक करेंगे उपासना

Gupt Navratri 2022: गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) की शुरूआत 2 फरवरी से हो रही है। पूरे वर्ष भर के चार नवरात्रों में से दो को प्रत्यक्ष नवरात्र कहा गया है, और दो को गुप्त नवरात्र। यह चारों नवरात्र सिद्धि प्रदान करने वाली होती हैं।

रायपुरJan 21, 2022 / 09:03 am

Ashish Gupta

Gupt Navratri 2022

Gupt Navratri 2022: 2 फरवरी से शुरू हो रही है गुप्त नवरात्रि, विशेष इच्छा की पूर्ति और सिद्धि के लिए साधक करेंगे उपासना

रायपुर. Gupt Navratri 2022: ज्योतिषियों और पंडितों के मुताबिक गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) की शुरूआत 2 फरवरी से हो रही है। पूरे वर्ष भर के चार नवरात्रों में से दो को प्रत्यक्ष नवरात्र कहा गया है, और दो को गुप्त नवरात्र। यह चारों नवरात्र सिद्धि प्रदान करने वाली होती हैं। गुप्त नवरात्र में साधक सन्यासी, सिद्धि प्राप्त करने वाले, तांत्रिक-मांत्रिक देवी की उपासना करते हैं एवं देवी की दस महाविधाओं की पूजा की जाती है, जिनका तंत्र शक्तियों और सिद्धियों में विशेष महत्व है, जबकि प्रत्यक्ष नवरात्र में गृहस्थ जीवन व्यतीत करने वाले समस्त जन माँ दुर्गा जी के 9 रूपों की पूजा करते है।

गुप्त नवरात्रि का धार्मिक महत्व (Significance of Gupt Navratri 2022)

पंडित मनोज शुक्ला ने बताया गुप्त नवरात्र में भी अगर आम जन चाहे तो किसी विशेष इच्छा की पूर्ति या सिद्धि के लिए साधना उपासना तथा पाठ आदि करके मनोरथ की पूर्ण कर सकते हैं। नवरात्रि पर्व को साधना के लिए श्रेष्ठ अवसर बनाएगा। साल में चार नवरात्रियां आती हैं। इनमें दो गुप्त और दो प्रकट नवरात्रि होती है। आषाढ़ व माघ की नवरात्रि गुप्त नवरात्रि कहलाती है। गुप्त नवरात्रि को तंत्र साधना (Gupt Navratri Tantra Sadhana) के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।

माता की 10 महाविद्या
गुप्त नवरात्रि में माता की 10 महाविद्या जो दस माता के रूप में जानी जाती है, उनकी अराधना की जाती है। इनके नाम- काली, तारा, षोडषी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्तका, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला है। इन विद्याओं का कादि, हादि, सादि क्रम से उपासना भेद है।

ग्रहों के योग संयोग
इस गुप्त नवरात्रि में सूर्य, बुध एवं शनि मकर राशि में गोचर करेंगे, इसमें मकर शनि के स्वामित्व की राशि है। सूर्य-शनि के एक साथ एक ही राशि में होने से तंत्र क्रियाएं सुगमता से होती है।

ज्योतिषियों के मुताबिक इनकी अराधना से कोर्ट में विजय, संतान सुख, मारण, उच्चाटन, विद्वेषण, मोहन, आकर्षण आदि कई लाभ प्राप्त होते हैं। राजनीतिक सफलता के लिए, पद प्राप्ति एवं कई साधक आत्मसुख की प्राप्ति के लिए भी इनकी आराधना करते हैं।
गुप्त नवरात्रि के दौरान 5 फरवरी को वसंत पंचमी (Vasant Panchami) पर्व रहेगा। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रि की अष्टमी 9 फरवरी को रहेगी व महानवमी 10 फरवरी को होगी। माघी पूर्णिमा का स्नान दान पर्व 16 फरवरी बुधवार को रहेगा।

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