छत्तीसगढ़ के सराफा कारोबारियों ने की केंद्र सरकार से मांग
demand to increase center in Chhattisgarh
रायपुर•Jul 12, 2020 / 08:19 pm•
ashutosh kumar
2021 से सभी गहनों में हॉलमार्किंग अनिवार्य, छत्तीसगढ़ में सेंटर बढ़ाने की मांग
रायपुर. सभी तरह के गहनों में हॉलमार्किंग की अनिवार्यता का नियम अगले साल फरवरी महीने से लागू होने जा रहा है, जिसमें 14, 18 और 22 कैरेट के गहनों को शामिल किया गया है। हॉलमार्किंग के नियमों के अंतर्गत केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले के मंत्रालय ने 15 फरवरी तक सभी नॉन-हॉलमार्किंग गहनों के स्टॉक निकालने के भी निर्देश दे दिए हैं। इस पूरे मामले में छत्तीसगढ़ के सराफा कारोबारियों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि हॉलमार्किंग की अनिवार्यता के पहले प्रदेश में हॉलमार्किंग सेंटरों की व्यवस्था की जानी चाहिए। प्रदेश में रजिस्टर्ड-नॉन रजिस्टर्ड सराफा कारोबारियों की संख्या पर गौर करें तो इनकी संख्या 20 हजार से अधिक है, जिसमें सबसे ज्यादा सराफा कारोबारी रायपुर में हैं। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) से प्रमाणित हॉलमार्किंग सेंटरों की संख्या पर गौर करें तो प्रदेश में सिर्फ 6 सेंटर हैं, जिसमें राजधानी में 4 और दुर्ग और बिलासपुर में एक-एक सेंटर संचालित हैं।
कारोबारियों का कहना है कि हॉलमार्किंग सेंटरों की कमी बड़ी समस्या है। रायपुर सराफा एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा सेंटरों की स्थापना की जानी चाहिए। दूरस्थ जिले और ग्रामीण-अर्धशहरी क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे सराफा कारोबारियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। रायपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हरख मालू ने कहा कि हॉलमार्किंग की अनिवार्यता लागू करने से पहले प्रदेश में पर्याप्त संख्या में सेंटरों की व्यवस्था और 20 कैरेट के गहनों को भी हॉलमार्किंग की सूची में शामिल करना चाहिए।