बचाव के उपाय… सोते वक्त मोबाइल न चलाएं, 6 से 8 घंटे की नींद जरूर लें: डॉक्टरों के अनुसार, ब्रुक्सिज्म से बचने के लिए नींद पूरी करना जरूरी है। कम से कम व्यक्ति को 6 से 8 घंटे की नींद लेनी ही चाहिए। इससे जबड़े की मांसपेशियों को आराम मिलेगा। ब्रुक्सिज्म के पेशेंट को सोते समय टीवी या मोबाइल का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए। वहीं ज्यादा चाय-कॉफी पीने की आदत तो इसे कंट्रोल करने की कोशिश करें। संभव हो तो माउथ गार्ड या बाइट गार्ड का इस्तेमाल करें। डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
ऐसे पहचानिए… मुंह के मसल्स और मसूड़ों में कहीं दर्द तो नहीं?
आपको ब्रुक्सिज्म बीमारी होने वाली है, इसका पता लगाना है तो पहले यह पता लगाइए कि कहीं आपके मुंह के मसल्स और मसूड़ों में दर्द तो नहीं हो रहा। इसमें सुबह उठते ही सिर में हल्का दर्द रहता है। जबड़े अकड़े हुए लगते हैं। दांतों में सेंसिटिविटी हो जाती है। कई लोगों को इसकी वजह से लगातार स्ट्रेस, थकान, गुस्से का सामना भी करना पड़ता है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट, जानिए…
ब्रुक्सिज्म मुख्यत: आयरन की कमी से होने वाली बीमारी है। लेकिन, बदलती जीवनशैली भी कई प्रकार की बीमारियों को जन्म दे रही है। ब्रुक्सिज्म भी इनमें से एक है। ये बीमारी चाय-कॉफी ज्यादा पीने के अलावा ऐसे बच्चों को भी हो सकती है जो जल्दी डर जाते हैं। बीमारी से बचना है तो जरूरी है कि चाय-कॉफी और धूम्रपान को अवॉइड करें।
डॉ. सुरभि दुबे, साइकाट्रिस्ट
ब्रुक्सिज्म पीड़ितों के आराम के लिए जरूरी है कि उनका ब्लड फ्लो सुधरे। इससे उनकी मांसपेशियों को आराम मिलेगा और वे रिलैक्स फील करेंगे। इसके बाद दांत पीसने की प्रक्रिया भी कम हो जाएगी। इसके साथ एक सुझाव यह भी है कि एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। डॉक्टर की देखरेख में जांच और इलाज से ही बीमारी खत्म होगी।
डॉ. मनीष पाटिल, मेडिसिन