स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों में से 70 प्रतिशत के पास कोरोना की दोनों डोज का प्रमाण-पत्र मिला है। यानी कम से कम इनके द्वारा संक्रमण के फैलाव का खतरा बहुत कम है। इस दौरान जिनके पास प्रमाण-पत्र नहीं मिल रहे हैं, मौके पर ही उनका एंटीजन या फिर आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक विशेष रूप से बस और चालक, कंडक्टर, हेल्पर की जांच की जा रही है, क्योंकि इनसे संक्रमण फैलने का खतरा सर्वाधिक होता है।
एयरपोर्ट पर नहीं मिल रहे संक्रमित- जुलाई में एयरपोर्ट उतने वाले कई यात्री संक्रमित पाए गए। मगर, अगस्त में संख्या कम हुई और सितंबर में एक भी संक्रमित नहीं मिला है। अधिकांश यात्री कोरोना टीकाकरण प्रमाण-पत्र लेकर यात्रा कर रहे हैं।
रेलवे स्टेशन पर लापरवाही जारी
रेलवे स्टेशन पर भी आसान है। मगर, यहां पर न तो आने वाले, न ही जाने वालों की थर्मल स्क्रीनिंग तक नहीं की जा रही है। रायपुर रेलवे स्टेशन पर यही स्थिति है। यहां 2 स्टॉफ सेनिटाइजर बेचते जरूर दिखते हैं। कोरोना टेस्टिंग टीम तैनात है, मगर जांच किसी की नहीं हो रही।
स्वास्थ्य विभाग महामारी नियंत्रण कार्यक्रम के प्रवक्ता एवं संचालक के डॉ. सुभाष मिश्रा ने कहा, सड़क, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन पर संदिग्धों की जांच के निर्देश हैं। मैंने खुद सीमावर्ती जिले में जाकर औचक निरीक्षण किया। व्यवस्था दुरुस्त है।