विशेषज्ञ कहते हैं, सिर्फ यही एक क्राइटेरिया विषय चुनने के लिए ठीक नहीं है। इस बात पर गौर किया जाना चाहिए कि हाईस्कूल के बाद सिर्फ पढ़ाई को आसान बनाने और पूरा करने के लिए के लिए कदम उठाया गया है या फिर भविष्य में जो बनना चाहते हैं, उसे ध्यान में रखकर यह फैसला किया गया है। इसको समझना जरूरी है। जानिए, हाई स्कूल के बाद स्ट्रीम को चुनते वक्त किस बात का ध्यान रखना चाहिए और 10वीं के बाद स्टूडेंट्स के पास क्या विकल्प होते हैं.
अपने इंट्रेस्ट को समझें
विषय या स्ट्रीम को चुनते समय यह ध्यान रखें कि आपको किस तरह का विषय पसंद है या जो विषय ले रहे हैं , उसको कितना जानते या समझते हैं। विषय या स्ट्रीम का चुनाव केवल इस आधार पर बिल्कुल न करें कि आपके दोस्त या सम्बंधी के बच्चे ने ऐसा किया है।
3 बातें ध्यान रखें
विषय चुनने से पहले अपनी क्षमता और इंट्रेस्ट पर गौर करें
अपने पेरेंट्स, सीनियर्स से भी मदद ले सकते हैं
अगर फिर भी कंफ्यूजन है, तो कॅरियर काउंसलर से सम्पर्क करें।
इन बातों पर भी गौर करें
विषय या स्ट्रीम को चुनने में पेरेंट्स और सीनियर्स की मदद ले सकते हैं। वे काफी हद तक आपके इंट्रेस्ट को समझकर सही राह दिखा सकते हैं। इसके अलावा आपके स्कूल में वह विषय या स्ट्रीम उपलब्ध है या नहीं। इन बातों का ध्यान रखते हुए विषय या स्ट्रीम को चुनें। इन बातों का ध्यान रखते हैं तो काफी हद तक आप गलत विषय या स्ट्रीम चुनने से बच सकते हैं। अगर इसके बावजूद भी आप कुछ तय नहीं कर पा रहे हैं तो काउंसलर की मदद लें।
एक्सपर्ट की सलाह लें
अगर आपको लगता है कि समझ नहीं आ रहा है कि कौन सा स्ट्रीम या विषय सही है, तो ऐसे में कॅरियर काउंसलर की मदद ले सकते हैं। एक कॅरियर काउंसलर आपके इंट्रेस्ट और भविष्य के लिए आपके लक्ष्य को समझते हुए विकल्प को चुनने में मदद करते हैं। इसके अलावा कॅरियर काउंसर आपकी खूबियों और खामियों को समझने के बाद ही कोई विषय या स्ट्रीम सजेस्ट करते हैं। ऐसे भी समाधान मिल सकता है।