ड्रॉ के जरिए निकलेगी लॉटरी
जॉन जोसफ ने उद्योग संगठन एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा, ”हम एक नई लॉटरी प्रणाली लेकर आए हैं। जीएसटी के तहत प्रत्येक बिल पर लॉटरी जीती जा सकेगी। इसका ड्रॉ निकाला जाएगा। लॉटरी का मूल्य इतना ऊंचा है कि ग्राहक यही कहेगा कि 28 फीसदी की ‘बचत’ नहीं करने पर मेरा पास 10 लाख रुपए से एक करोड़ रुपए जीतने का मौका होगा। यह ग्राहक की आदत में बदलाव से जुड़ा सवाल है.”
कैसे काम करेगी योजना?
योजना के तहत खरीदारी के बिलों को पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। लॉटरी का ड्रा कंप्यूटर प्रणाली के जरिये अपने आप होगा। लॉटरी निकलने पर विजेताओं को इसकी सूचना दी जाएगी। जीएसटी प्रणाली के तहत चार कर स्लैब 5, 12, 18 और 28 फीसदी है। इसके अलावा लग्जरी और गैर जरूरी प्रोडक्ट्स पर टैक्स के ऊपर सबसे ऊंची दर से टैक्स के अलावा सेस भी लगता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई वाली जीएसटी काउंसिल प्रस्तावित लॉटरी योजना की समीक्षा करेगी।
न्यूनतम बिल की सीमा होगी तय!
काउंसिल यह भी फैसला करेगी कि इस योजना के तहत न्यूनतम बिल की सीमा क्या हो। योजना के अनुसार लॉटरी विजेताओं को पुरस्कार कंज्यूमर वेलफेयर फंड से दिया जाएगा। इस फंड में मुनाफाखोरी के खिलाफ कार्रवाई से प्राप्त राशि को ट्रांसफर की जाती है। जीएसटी रेवेन्यू में कमी की वजहों को दूर करने के लिए सरकार व्यापार से उपभोक्ता सौदों में कई विकल्पों पर विचार कर रही है। इनमें लॉटरी और क्यूआर कोड आधारित ट्रांजैक्शन को प्रमोट करना शामिल है।