इन घटनाओं के बाद रायपुर पुलिस (RAIPUR POLICE) के अधिकारियों ने जिले के मकान मालिकों को किराएदारों का वेरीफिकेशन कराने और उनके दस्तावेज थानाें में जमा करने का निर्देश दिया था। इस निर्देश के साथ रायपुर पुलिस के अधिकारियों को कॉलोनियों में सरप्राइज चेकिंग करके दूसरे राज्यों से रह रहे लोगों की जांच करने का निर्देश भी दिया था। मकान मालिक और स्थानीय पुलिस अधिकारी पुलिस अधिकारियों के इस निर्देश को कुछ दिन तक याद रखा और भूल गए। स्थानीय पुलिस की इस ढिलाई का फायदा अपराधी प्रवृत्ति के लोग उठा रहे है और बेखौफ होकर रायपुर में अपनी फरारी काट रहे हैं। शहर में करीब दो लाख किराएदारों में अभी तक सिर्फ 30 हजार किराएदारों की सूची थानों में जमा है।
एएसपी की मॉनीटरिंग के बाद भी लापरवाही पुलिस (RAIPUR POLICE) सूत्रों के अनुसार किराएदार वेरीफिकेशन की जांच और उनकी मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी एएसपी रैंक के अधिकारियों को दी गई है। एएसपी ने अधीनस्थों को थाना क्षेत्र में रहने वाले किराएदारों की जानकारी जुटाने और उनका वेरीफिकेशन करने का निर्देश भी दिया है। एएसपी की मॉनीटरिंग के बाद भी कोताही बरती जा रही है और इसका फायदा अपराधियों को मिल रहा है।
केस स्टडी केस-़1 मुंबई के कारोबारी की हत्या का आरोपी साथियों के साथ छिपा था 30 जनवरी 2022 को रायपुर और मुंबई पुलिस की संयुक्त टीम ने तेलीबांधा थाना क्षेत्र में किराए का मकान लेकर रहने वाले मुंबई के बदमाश शहबाज रुबाब को गिरफ्तार किया। आरोपी मुंबई के गोवंडी इलाके में कारोबारी को गोली मारकर फरार हुआ था और रायपुर में किराए का मकान लेकर अपने साथियों के साथ छिपा हुआ था। शहबाज के साथ इरफान और इसरार नाम के युवकों को भी पुलिस ने पकड़ा था।
केस-2 आईएएस के घर में कुक का काम कर रहा था हत्या का आरोपी 26 मार्च को बिहार पुलिस ने देवेंद्र नगर पुलिस की मदद से बिहार में कारोबारी की हत्या करने वाले आरोपी को पकड़ा। आरोपी देवेंद्र नगर में रहने वाले आईएएस के मकान में बीते एक माह से कुक का काम कर रहा था। आरोपी को नौकरी में रखने से पूर्व आईएएस ने उसका पुलिस वेरीफिकेशन भी नहीं कराया गया था और न ही किसी प्रकार की जानकारी थाने में दी गई थी। पुलिस के अनुसार आरोपी ने फरवरी माह में कारोबारी अमित कुमार की धारदार हथियार मारकर हत्या की और वहां से फरार हो गया।
5 पांच माह चला था अभियान रायपुर पुलिस के अधिकारियों के अनुसार राजधानी रायपुर में लगभग दो लाख किराएदार रहते है। इन किराएदारों की जानकारी जुटाने के लिए अगस्त 2021 को निर्देश रायपुर पुलिस अधिकारियों ने जारी किया था। अक्टूबर 2021 तक प्रक्रिया पूरा करने की बात लिखी थी। इस तिथि के गुजर जाने के बाद किराएदार की जानकारी नहीं देने वाले मकान मालिकों पर कार्रवाई करने की बात कही गई थी। लगातार किराएदारों को सूचना बिना रखने की जानकारी सामने आ रही है, लेकिन मकान मालिको में कार्रवाई करने पर रायपुर पुलिस के हाथ कांप रहे है।
यह है प्रक्रिया यदि कोई मकान मालिक किराएदार को रखता है, तो उसे किराएदार वेरीफिकेशन फार्म (RAIPUR POLICE) को भरकर स्थानीय थाना में देना होती है। यदि किराएदार फार्म नहीं मिल रहा, तो अप्लीकेशन के साथ किराएनाना और किराएदार के दस्तावेज पुलिस थाना में जमा करना होता है। स्थानीय पुलिस के अधिकारी किराएदार के मूल पते के स्थानीय थाना से उसकी जानकारी जुटाते है और उसके रिकार्ड में शामिल करते है। इस प्रक्रिया से किराएदार संदिग्ध गतिविधि में शामिल होता है, तो उसकी शिनाख्त करने में आसानी होती है।
मामलें में रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल का कहना है, कि किराएदारों की जानकारी स्थानीय थाना में देने के लिए पूरा फार्मेट बनाकर ऑनलाइन अपलोड किया गया है। मकान मालिक ऑनलाइन और ऑफलाइन पैटर्न पर इसे भरकर स्थानीय थाने में जमा कर सकता है। कुछ लोगों ने अपने किराएदारों की जानकारी दी है, लेकिन अभी सभी किराएदारों की जानकारी विभाग के पास नहीं आई है। मकान मालिक अपने किराएदारों की जानकरी नहीं देंगे, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। कुछ लोगों पर हमने कार्रवाई की भी है।