इधर, नगर निगम प्रशासन का दावा है कि अवैध निर्माण रोकने के लिए ठोस कदम उठाया गया है। बिना नक्शा स्वीकृत निर्माण के सर्वे और कार्रवाई करने के लिए जोन कमिश्नरों को अधिकृत किया गया है। लेकिन मैदानी स्तर पर अवैध निर्माण पर रोक लगाने में अमला बेबस नजर आता है। जोन का अमला तब तक निर्माण स्थल पर नहीं पहुंचता, जब तक कि निर्माण पूरा नहीं हो जाता है।
इस तरह के निर्माण शहर के संतोषी नगर मुख्य मार्ग से लेकर संजय नगर तक में चल रहा है। हैरानी की बात यह है कि शिकायतों के बाद भी निर्माण स्थलों पर न तो नक्शा पास कराने के संबंध में पूछताछ की जाती है और न ही अवैध निर्माण पर रोक नहीं लगाई जाती। एेसा ही मामला जोन एक के गुढि़यारी, कोटा और अमलीडीह क्षेत्र में भी सामने आया है।