अभी अवैध नल कनेक्शन से हर साल निगम को करीब 19 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। एक नल कनेक्शन से निगम को सालाना 2400 रुपए जलकर के रूप में मिलता है। वहीं कमर्शियल कनेक्शन से 4800 रुपए हर साल मिलता है। इस तरह औसतन 80 हजार नल कनेक्शन से 19 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
साथ ही नल कनेक्शन लगाने की अनुमति के दौरान निगम को 7 हजार रुपए (प्रति कनेक्शन) शुल्क देना पड़ता है। आर्थिक परेशानी झेल रहे निगम को इसकी चिंता नहीं है। कार्रवाई करने की जगह निगम के अधिकारी चुपचाप बैठे हैं।
बढ़ती जा रही है अवैध कनेक्शन की संख्या
निगम की एमआईसी में निर्णय लिया गया था कि शहर में जितने भी अवैध नल कनेक्शन हैं, उन्हें वैध किया जाएगा। इसके बदले प्रति नल कनेक्शन 100 रुपए शुल्क लिए जाएंगे। इसके बाद धड़ल्ले से लोगों ने अवैध नल कनेक्शन लेना शुरू कर दिया।
पहले निगम के जोन कार्यालयों में नल कनेक्शन के लिए हर माह 50 से 60 आवेदन आते थे, अब उनकी संख्या 15-20 रह गई। न तो निगम प्रशासन ने 100 रुपए लेकर अवैध नलों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू की और न ही अवैध कनेक्शनों पर कार्रवाई की जा रही है।
एमआईसी में निर्णय के बाद शासन की मुहर बाकी
अवैध नल कनेक्शन को 100 रुपए में वैध करने का निर्णय एमआईसी द्वारा लेने के बाद निगम प्रशासन ने फाइल शासन को भेजी है। अभी तक वहां से अनुमति नहीं आई है। इस कारण अवैध नल कनेक्शन को वैध करने का काम शुरू नहीं हो पाया है।
फाइल शासन के पास
अवैध नल कनेक्शन को 100 रुपए मेंं वैध करने की एमआईसी के निर्णय के बाद फाइल शासन को भेजी गई है। वहां से अनुमति मिलने के बाद ही वैध करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
– बद्री चंद्राकर, कार्यपालन अभियंता, नगर निगम रायपुर